मुरैना के मधुमक्खीपालक किसानों के लिए नेफेड की प्रसंस्करण और गुणवत्ता परीक्षण यूनिट

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के देवरी गांव में नेफेड द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एन.बी.बी.) के सहयोग से राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन और शहद मिशन (एन.बी.एच.एम.) के तहत शहद और मधुमक्खीपालन के अन्य उत्पादों के प्रसंस्करण व गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। इससे चंबल क्षेत्र को हनी हब बनाने के प्रयास मजबूत होंगे

मुरैना के मधुमक्खीपालक किसानों के लिए नेफेड  की प्रसंस्करण और गुणवत्ता परीक्षण यूनिट

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के देवरी गांव में नेफेड द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) के सहयोग से राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन एवं शहद मिशन (एनबीएचएम.) के तहत प्रारंभ की जाने वाली, शहद एवं मधुमक्खीपालन के अन्य उत्पादों के प्रसंस्करण व गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रयोगशाला-इकाई का भूमि पूजन गुरुवार 1 जुलाई को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इसका संचालन चंबल फेड शहद उत्पादक सहकारी समिति (एफपीओ) के अंतर्गत होगा। कार्यक्रम में तोमर ने कहा कि इन सुविधाओं के साथ ही भविष्य में भी सरकार की ओर से हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। जिस प्रकार से सरसों के कारण चंबल क्षेत्र पूरे देश में जाना जाता है, उसी प्रकार से शहद उत्पादन में अग्रणी मुरैना जिले सहित चंबल क्षेत्र देशभर में जल्द ही हनी हब के रूप में प्रसिद्धि पाएगा। ये हनी मिशन मुरैना क्षेत्र के गरीब किसानों के जीवन में सार्थक बदलाव लाएगा और इससे उनकी आय बढ़ेगी।

एनबीबी ने एनबीएचएम के तहत नेफेड को मुरैना एफपीओ में शहद व मधुमक्खीपालन एवं अन्य उत्पादों के प्रसंस्करण, एकत्रीकरण, ट्रेडिंग, ब्रांडिंग, स्टोरेज आदि परियोजनाओं को स्वीकृत किया है। जिनमें से प्रसंस्करण व गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला का भूमि पूजन हुआ।

केंद्रीय कृषि मंत्री कि शहद उत्पादन में मध्य प्रदेश में मुरैना अग्रणी है। यहां लगभग छह हजार मधुमक्खी पालक  और एक  लाख मधुमक्खियों के बक्सों की संख्या है। जिससे तीन हजार टन शहद का उत्पादन होता है। नेफेड के जरिये केंद्र सरकार ने एक एफपीओ यहां बनाया है। कृषि अनुसंधान केंद्र मुरैना में समन्वित मधुमक्खीपालन केंद्र हैं जो ट्रेनिंग देकर मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अखिल भारतीय समन्वित हनी बी एवं पालीनेटर केंद्र कृषि विश्वविद्यालय के मुरैना क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र पर स्थापित होने से यहां मधुमक्खी पालन पर नवीन अनुसंधान का लाभ मधुमक्खी पालकों को मिल सकेगा। मीठी क्रांति को आगे बढ़ाने का जिम्मा लेने के लिए कृषि मंत्री ने नेफेड को बधाई और शुभकामनाएं दी।

 उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में कृषि सुधार के लिए एक के बाद एक ठोस कदम उठाए गए हैं। यूपीए सरकार के समय उनके पास यह अवसर था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को मानकर किसानों को एमएसपी व अन्य माध्यम से लाभ पहुंचाते लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी व निहित स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार ने किसान हित में कदम नहीं उठाए, वहीं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की केंद्र में सरकार बनने पर स्वामीनाथन आयोग की 201 में से 200 सिफारिशों को पूरी तरह लागू किया गया है।

तोमर ने कहा कि हमारे देश के कृषि व ग्रामीण क्षेत्र बहुत ताकतवर है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की भी एक बड़ी ताकत है। किसानों को संबल व सुविधाएं मोदी जी की सरकार लगातार दे रही है, जिनसे कृषि क्षेत्र और मजबूत होता जाएगा। देश में लगभग 86 प्रतिशत किसान छोटे व मझौले हैं, जिनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने का जिम्मा केंद्र सरकार ने लिया है। उन्होंने देश में बन रहे 10 हजार नए एफपीओ की स्कीम से होने वाले लाभ की जानकारी देते हुए किसानों से नई तकनीकों के साथ उन्नत बीज-उन्नत फसलों के साथ खेती करने की अपील की। उन्होंने कहा  कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रा फंड द्वारा गांव-गांव व खेतों तक सुविधाएं बढ़ेगी। भारत सरकार तन-मन-धन से पूरी तरह किसानों के साथ है और किसानों की आय बढ़ाने के लिए संकल्पित है। नए कृषि सुधार कानून भी इसी दिशा में केंद्र सरकार का ऐतिहासिक कदम है, ये नए कानून भी देशभर के करोड़ों किसानों के लिए दीर्घकालीन लाभदायक साबित होंगे। कार्यक्रम में नेफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव चड्ढा,  ए.एम.डी. पंकज प्रसाद सिंह (फीफा के एमडी), राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के एम.डी. राजबीर सिंह और मधुमक्खीपालकों के एफपीओ व शहद उत्पादन से जुड़े किसान उपस्थित थे। केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल, अपर सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी व कृषि मंत्रालय-शहद मिशन के अन्य अधिकारी वर्चुअल जुड़े थे।

 

 

Subscribe here to get interesting stuff and updates!