एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने पंजाब और हरियाणा में नया कंबाइन हार्वेस्टर लांच  किया

PRO588i-G’ का वजन सिर्फ 2700 किलो है, जबकि पारंपरिक हार्वेस्टर्स का वजन लगभग 9000 किलो होता है। कम वजन होने से खेत की मिट्टी कम दबती है, जिससे अगली फसल के लिए जुताई का काम आसान हो जाता है और किसानों का जमीन तैयार करने का खर्च भी घटता है। इसके अलावा, इसमें क्रॉलर लगा है, जिससे यह गीले खेतों में भी आसानी से काम कर सकता है। साथ ही इसका डिज़ाइन ऐसा है कि इसे चलाना आसान है और किसान लंबे समय तक आराम से काम कर सकते हैं।

 एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड ने पंजाब और हरियाणा में कुबोटा ब्रांड के तहत एक नया कंबाइन हार्वेस्टर ‘PRO588i-G’ प्रस्तुत किया है। इसकी खासियत यह है कि यह हार्वेस्टर फसल की डंठल को जड़ के पास से काटता है, (जो सामान्य  फुल-फीड हार्वेस्टर नहीं कर पाते। इससे पूरी लंबाई का पुआल इकट्ठा होता है। जिसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पुआल किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का साधन है| इसका इस्तेमाल पशुचारे और बायोमास प्लांट्स में भी किया जाता है। भारत में कुबोटा की यह नई टेक्नोलॉजी किसानों को पराली जलाने की जगह एक फायदेमंद विकल्प देती है। साथ ही उत्तर भारत में वायु प्रदूषण कम करने में मदद करती है।

यह नया कंबाइन हार्वेस्टर जापान में बनी एक खास थ्रेशिंग टेक्नोलॉजी से युक्त है। यह टेक्नोलॉजी थ्रेशिंग के दौरान बासमती चावल के नाजुक और लंबे दानों के टूटने की समस्या को काफी हद तक कम करती है। दानों की गुणवत्ता बेहतर होने से उनका मूल्य बढ़ता है और निर्यात की संभावना भी ज्यादा होती है।

‘PRO588i-G’ का वजन सिर्फ 2700 किलो है, जबकि पारंपरिक हार्वेस्टर्स का वजन लगभग 9000 किलो होता है। कम वजन होने से खेत की मिट्टी कम दबती है, जिससे अगली फसल के लिए जुताई का काम आसान हो जाता है और किसानों का जमीन तैयार करने का खर्च भी घटता है। इसके अलावा, इसमें क्रॉलर लगा है, जिससे यह गीले खेतों में भी आसानी से काम कर सकता है। साथ ही इसका डिज़ाइन ऐसा है कि इसे चलाना आसान है और किसान लंबे समय तक आराम से काम कर सकते हैं।

एस्कॉर्ट्स कुबोटा के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर निखिल नंदा ने बताया कि “एस्कॉर्ट्स कुबोटा में हम भारत के किसानों की ज़िंदगी को बेहतर बनाने वाली नई टेक्नोलॉजी लाने के लिए हमेशा समर्पित हैं। हमारा नया कुबोटा कंबाइन हार्वेस्टर इसी का सबूत है। जापान में बना यह कई खूबियों से लैस जहां एक तरफ हमारे 'अन्नदाताओं’ की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा, वही दूसरी तरफ उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की समस्या को कम करने में भी सहायक होगा। 

 एस्कॉर्ट्स कुबोटा के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर अकीरा काटो ने कहा कि “नया कुबोटा कंबाइन हार्वेस्टर  प्रस्तुत  करना हमारे उस विज़न का हिस्सा है, जिसमें हम ऐसी नई टेक्नोलॉजी लाते हैं जो भारतीय कृषि में उन्नत बदलाव कर सकें। यह किसानों की उत्पादकता और आमदनी बढ़ाएगा। इसी के साथ-साथ प्रिसीजन फार्मिंग के जरिए स्थायी खेती के लक्ष्यों को भी पूरा करने में मदद करेगा।“इस नई मशीन से एस्कॉर्ट्स कुबोटा कृषि उपकरण उद्योग में अपनी सफलता को और मज़बूत करेगा।”

 एस्कॉर्ट्स कुबोटा एग्री सॉल्यूशंस बिज़नेस डिवीजन केचीफ ऑफिसर राजन चुघ ने बताया कि “PRO588i-G कंबाइन हार्वेस्टर अपने वर्ग में देश की हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी में काफी उन्नत है। धान की फसल के लिए एस्कॉर्ट्स कुबोटा पहले से ही विश्व-स्तरीय हार्वेस्टर्स और राइस ट्रांसप्लांटर्स के साथ अग्रणी है। इस नए उत्पाद के जुड़ने से हमारी स्थिति और भी मजबूत होगी।”