बिना कोल्ड स्टोरेज फलों को सुरक्षित रखने में मददगार है स्मार्टफ्रेश इनबॉक्स, ट्रॉपिकल एग्रो ने पूरे भारत में किया लांच

ट्रॉपिकल एग्रो ने कटाई के बाद होने वाले नुकसान से निपटने के लिए एग्रोफ्रेश इंक. की शेल्फ-लाइफ बढ़ाने वाली तकनीक, स्मार्टफ्रेश™ इनबॉक्स को पूरे भारत में लांच किया है। यह परिवहन के दौरान फलों के पकने और खराब होने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। पाउच में उपलब्ध यह प्रोडक्ट खाद्य अपशिष्ट को कम करने, किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण के प्रति जागरूक आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देने के लिए एक टिकाऊ और कोल्ड-स्टोरेज मुक्त समाधान प्रदान करता है।

फसल की कटाई/तुड़ाई के बाद होने वाले भारी नुकसान से निपटने के लिए ट्रॉपिकल एग्रोसिस्टम (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने स्मार्टफ्रेश™ इनबॉक्स को पूरे भारत में लांच किया है। स्मार्टफ्रेश इनबॉक्स, अमेरिका स्थित एग्रोफ्रेश इंक द्वारा विकसित एक नई संरक्षण तकनीक है। इसका उपयोग पहले से ही विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों पर वैश्विक स्तर पर किया जा रहा है। इसका उद्देश्य ताजी उपज के प्रबंधन, भंडारण और परिवहन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।

स्मार्टफ्रेश इनबॉक्स 250 पाउच के पैक में उपलब्ध है, जिसमें खुराक के दो विकल्प हैं - 0.625 ग्राम और 1.25 ग्राम। ये अलग-अलग मात्रा और हैंडलिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

आधिकारिक अनुमानों के अनुसार भारत में हर साल 30% से ज़्यादा फल और सब्ज़ियां खराब होने के कारण उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले ही नष्ट हो जाती हैं। स्मार्टफ्रेश इनबॉक्स सिस्टम शेल्फ लाइफ बढ़ाकर और भंडारण व परिवहन के दौरान इनका खराब होना कम करता है।

इस तकनीक का मूल आधार 1-मिथाइलसाइक्लोप्रोपीन (1-एमसीपी) है। यह एक प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर है जो एथिलीन (फलों के पकने और खराब होने के लिए ज़िम्मेदार एक प्राकृतिक हार्मोन) के प्रभाव को रोककर फलों के पकने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। ट्रॉपिकल एग्रो वर्तमान में भारत में 1-एमसीपी का उपयोग करने के लिए पंजीकृत एकमात्र कंपनी है।

स्मार्टफ्रेश इनबॉक्स प्रणाली सरल होते हुए भी बेहद प्रभावी है। 1-एमसीपी युक्त पाउच सीधे कटी हुई उपज के क्रेट या बक्सों में रखे जाते हैं। चाहे उपज किसान के घर में, कोल्ड स्टोरेज में या बंदरगाहों और बाज़ारों में परिवहन के दौरान हो, पाउच तुरंत काम करना शुरू कर देते हैं। 

भारत में सेब पर इस्तेमाल के लिए स्वीकृत इस तकनीक ने अंगूर, अमरूद, चीकू, अनार और शरीफा जैसी अन्य फसलों पर चल रहे परीक्षणों में सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। कंपनी का दावा है कि वैश्विक स्तर पर स्मार्टफ्रेश इनबॉक्स नाशपाती, आलूबुखारा, कीवी, टमाटर, ब्रोकली, खरबूजे और तरबूज पर पहले ही प्रभावी साबित हो चुका है।

ताज़गी के अलावा स्मार्टफ्रेश इनबॉक्स महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक और सस्टेनेबिलिटी में भी लाभ पहुंचाता है। यह कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भरता कम करता है, पैकेजिंग और भंडारण स्थान को ऑप्टिमाइज करता है, और बिजली के उपयोग तथा कार्बन उत्सर्जन को कम करता है।

ट्रॉपिकल एग्रो के पोस्ट हार्वेस्ट बिज़नेस के महाप्रबंधक, के. वेंकटसुब्रमण्यन ने कहा, "हमें ऐसे समय में स्मार्टफ्रेश इनबॉक्स को भारत में लाने पर गर्व है जब खाद्य अपशिष्ट को कम करना बेहद ज़रूरी है। एग्रोफ्रेश के साथ यह साझेदारी हमारे किसानों और कृषि-आपूर्ति श्रृंखला को एक विश्वसनीय समाधान प्रदान करके सशक्त बनाती है, ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग और अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।"

एग्रोफ्रेश इंक. के इंडिया मैनेजर डॉ. संजय कुमार कुंडू ने कहा, "भारत एग्रोफ्रेश के लिए एक प्रमुख बाज़ार है, और हम ट्रॉपिकल एग्रो के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हैं ताकि हम अपनी कटाई-पश्चात इनोवेशन को ज़्यादा से ज़्यादा किसानों और आपूर्ति श्रृंखला के हितधारकों तक पहुंचा सकें।"