अमृतसर पूर्व बनी पंजाब की सबसे हॉट सीट, जानिए मजीठिया के बारे में क्या बोले सिद्धू

सिद्धू ने मजीठिया को चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे मजीठा सीट छोड़कर सिर्फ अमृतसर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ें, सुखबीर बादल ने कहा सिद्धू को नुकसान उठाना पड़ेगा

पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर पूर्व सीट काफी रोचक हो गई है। यहां कांग्रेस और अकाली दल के दो दिग्गज नेता आमने-सामने हैं। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने यहां नामांकन दाखिल किया। उनके सामने शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया हैं। दोनों बड़े प्रतिद्वंद्वियों के चलते यह सीट पूरे प्रदेश में सबसे खास हो गई है। शनिवार को ही आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे भगवंत मान ने धुरी से नामांकन दाखिल किया।

नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में नवजोत सिंह सिद्धू ने मजीठिया पर हमला किया। उन्होंने कहा कि अकाली नेता दो सीटों से चुनाव लड़कर जीत हासिल करना चाहते हैं। सिद्धू ने उन्हें चुनौती दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे मजीठा सीट छोड़कर सिर्फ अमृतसर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ें। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि मुझे राजनीति में आए 17 साल हो गए हैं। मेरा यह सफर कैसा रहा यह सब लोग जानते हैं। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आने वाले सिद्धू बोले, “मैंने कभी अपना ईमान नहीं बेचा, लेकिन इन्होंने प्रदेश में नशा बेचा है और पंजाब के युवाओं को तबाह कर दिया।”

एक समय ऐसा था जब सिद्धू मजीठिया की खूब तारीफ किया करते थे और उन्हें अपना छोटा भाई बताते थे। लेकिन मजीठिया के खिलाफ नशे का मामला दर्ज होने में अकाली दल सिद्धू की ही बड़ी भूमिका मानता है। पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल ने एक अंग्रेजी दैनिक के साथ साक्षात्कार में कहा कि सिद्धू को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

अमृतसर सिद्धू के लिए पुराना इलाका है तो मजीठिया के लिए भी नया नहीं है। मजीठिया के पिता सत्यजीत सिंह यहां के मशहूर खालसा कॉलेज की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन हैं और खालसा यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं। इस लिहाज से भी मजीठिया परिवार के प्रति लोगों में लगाव है। अकाली दल और भाजपा की 10 साल की सरकार रही थी, इस नाते भाजपा के नेता भी मजीठिया के करीबी हैं। माना जा रहा है कि मजीठिया को कुछ भाजपा नेताओं का भी समर्थन मिल सकता है।

भगवंत मान बोले, सबसे अधिक अंतर से जीतूंगा

धुरी एसडीएम दफ्तर में मां के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंचे भगवंत मान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह धुरी के पास इतिहास रचने का एक मौका है। उन्होंने दावा किया कि लोग उन्हें सबसे अधिक अंतर से जीत आएंगे। भगवंत मान इससे पहले दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 में वे मनप्रीत सिंह बादल की पार्टी पीपीपी के टिकट पर लहरागागा से लड़े थे। उसके बाद 2017 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जलालाबाद में सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ खड़े हुए थे। दोनों विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि बाद में हुए आम आदमी पार्टी के टिकट पर सांसद बने।

चन्नी बोले, केजरीवाल आम नहीं हाई प्रोफाइल नेता हैं

इस बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल पंजाब के लोगों को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि वे आम आदमी हैं। हकीकत तो यह है कि वे हाई प्रोफाइल नेता हैं। दिल्ली जाकर उनकी सच्चाई का पता लगाया जा सकता है। चन्नी ने यह भी कहा कि केजरीवाल पहले तो अपने विरोधियों के खिलाफ बड़े बड़े आरोप मढ़ते हैं, लेकिन बाद में उनसे माफी मांग लेते हैं। उन्होंने मेरे खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणियां की हैं, लेकिन हो सकता है कल चुनाव खत्म होने के बाद वे मुझसे भी माफी मांग लें। चन्नी ने दावा किया कि प्रदेश में कांग्रेस के जीतने की संभावनाएं ज्यादा हैं, इसलिए पार्टी में टिकट के लिए सबसे अधिक होड़ मची है।

दिल्ली तलब किए गए पांच कांग्रेस सांसद

इस बीच राहुल गांधी के चुनाव अभियान शुरू करने के मौके पर अमृतसर और जालंधर में पंजाब के 5 कांग्रेसी सांसदों के ना रहने को पार्टी ने गंभीरता से लिया है। उस दिन तो पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सफाई दी थी कि सांसदों की तरफ से राहुल गांधी के कार्यक्रम का बहिष्कार करने जैसी कोई बात नहीं है। कार्यक्रम में गैरमौजूद रहने वाले सांसद जसबीर सिंह गिल ने भी ट्वीट किया था कि यह कार्यक्रम विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के लिए था, इसलिए वे उसमें नहीं गए। इसमें बहिष्कार जैसी कोई बात नहीं है। लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने गिल के अलावा कार्यक्रम में गैरमौजूद रहने वाले सांसदों मनीष तिवारी, रवनीत सिंह, परनीत कौर और मोहम्मद सादिक को दिल्ली तलब किया है।