उत्तर प्रदेश फिर भाजपा सरकार, 36 साल बाद कोई पार्टी लगातार दोबारा सत्ता में आएगी

विश्लेषकों का कहना है कि धार्मिक ध्रुवीकरण के साथ साथ मुफ्त राशन के मुद्दे ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में निर्णायक भूमिका निभाई है। पार्टी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त प्रशासक की छवि का भी नुकसान फायदा होता नजर आ रहा है

विधानसभा चुनाव के नतीजे भारतीय जनता पार्टी के लिए उत्साहजनक साबित हुए। दोपहर करीब चार बजे तक के रुझानों के मुताबिक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी की सरकार दोबारा बनाने जा रही है। कांग्रेस के हाथ से एक और बड़ा राज्य पंजाब निकल गया है। यहां आम आदमी पार्टी कांग्रेस और अकाली दल जैसे स्थापित और पुरानी पार्टियों को पछाड़ती हुई पहली बार सत्ता सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है। इस लिहाज से देखा जाए तो 7 मार्च को आए ज्यादातर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हो रहे हैं।

चुनाव आयोग की तरफ से शाम 5 बजे तक दी गई जानकारी के अनुसार 403 विधानसभा वाले उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी 252 सीटों पर आगे चल रही थी या जीत चुकी थी। 2017 में उसे 312 सीटें मिली थीं, यानी उसे 60 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। समाजवादी पार्टी गठबंधन 115 सीटों पर आगे चल रही थी। भाजपा सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) 12 और निषाद पार्टी सात सीटों पर आगे थीं। बहुजन समाज पार्टी एक, कांग्रेस दो, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक दो, राष्ट्रीय लोकदल सात और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी पांच सीटों पर आगे चल रहे थीं।

भाजपा का वोट प्रतिशत 41.80 फीसदी रहा है। बसपा को 12.68 फीसदी और कांग्रेस को सिर्फ 2.4 फीसदी वोट मिले हैं। सपा को 31.91 फीसदी और राष्ट्रीय लोक दल को 3.14 फीसदी वोट हासिल हुए।

प्रदेश में 36 साल के बाद पहली बार सत्तारूढ़ भाजपा दोबारा सरकार बनाएगी। उसकी सीटें तो 2017 के मुकाबले कम जरूर हुई हैं लेकिन इसके बावजूद वह आसानी से सरकार बनाने की स्थिति में है। विश्लेषकों का कहना है कि धार्मिक ध्रुवीकरण के साथ साथ मुफ्त राशन के मुद्दे ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में निर्णायक भूमिका निभाई है। पार्टी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त प्रशासक की छवि का भी नुकसान फायदा होता नजर आ रहा है।

महंगाई और बेरोजगारी आवारा पशु जैसे विपक्ष के मुद्दे प्रचार में ही सुनाई दिए, नतीजों पर उनका कोई बड़ा असर होता नहीं दिख रहा है। हालांकि इतना असर जरूर हुआ है कि समाजवादी पार्टी की सीटें लगभग 3 गुना हो गई है। भाजपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नुकसान ज्यादा हुआ है जिसका फायदा समाजवादी पार्टी के गठबंधन को मिला है।

प्रमुख उम्मीदवारों में यहां गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, करहल से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, जसवंत नगर से शिवपाल यादव आगे चल रहे हैं। लेकिन सिराथू से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पीछे हैं। फाजिलनगर में स्वामी प्रसाद मौर्य और तुमकुही राज से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी पीछे चल रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा में आए थे।