कोरोना प्रतिबंधों का असर, अमित शाह समेत बड़े भाजपा नेता घर-घर प्रचार अभियान में जुटे

भाजपा नेता जिन इलाकों में प्रचार के लिए जाएंगे, वहां वे स्थानीय स्तर पर मशहूर मंदिरों में पूजा-अर्चना भी करेंगे। इसके जरिए उनकी कोशिश सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को दिखाने की है

कोविड-19 महामारी के कारण चुनावी रैलियों और रोड शो पर 31 जनवरी तक प्रतिबंध के चलते उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता घर-घर जाकर चुनाव प्रचार में लगे हैं। इनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हैं।

इन तीनों बड़े नामों के अलावा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश के अन्य शीर्ष नेता भी खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इनमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी हैं। अमित शाह कुछ इलाकों में लोगों के घर जाते और पर्चे बांटते भी नजर आए। हालांकि उनके पर्चे बांटने के तरीके और साथ में उमड़ी भारी भीड़ पर विपक्षी दलों ने एतराज भी जताया है।

भाजपा नेता चुनाव प्रचार के दौरान भी धर्म को साथ रखना चाहते हैं। इसलिए वे जिन इलाकों में प्रचार के लिए जाएंगे, वहां वे स्थानीय स्तर पर मशहूर मंदिरों में पूजा-अर्चना भी करेंगे। इसके जरिए उनकी कोशिश सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को दिखाने की है।

कृषि कानूनों को लेकर किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए अमित शाह बुधवार को कुछ जाट नेताओं से भी मिले। समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को कड़ी टक्कर मिल रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में जाट भाजपा के साथ थे, लेकिन इस बार कृषि कानूनों पर पार्टी और सरकार के रवैए के चलते वे नाराज बताए जाते हैं। 

अमित शाह 27 जनवरी से 2 फरवरी तक मथुरा, गौतम बुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, रामपुर, संभल, कन्नौज और कानपुर शहर में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करेंगे। इसी तरह मुख्यमंत्री आदित्यनाथ बिजनौर, मुजफ्फरनगर, बदायूं, कासगंज, जालौन, कानपुर ग्रामीण, आगरा, मैनपुरी, मेरठ और हापुड़ जिलों का दौरा करेंगे। पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और दिनेश शर्मा भी घर-घर प्रचार अभियान में शामिल हैं।

इस बीच, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के 2 फरवरी को आगरा में छोटी जनसभा को संबोधित करने की उम्मीद है। चुनाव आयोग ने अभी तक 31 अगस्त तक जनसभाओं और रोड शो पर रोक लगा रखी है। इसी को देखते हुए बसपा ने 2 फरवरी की तारीख तय की है।