आज की प्रमुख चुनावी खबरेंः चुनाव आयोग ने की कम मतदान वाली 266 सीटों की पहचान, कर्नाटक में जेडीएस ने बताई अपनी शर्तें

चुनाव आयोग ने 266 ऐसी संसदीय सीटों की पहचान की है जहां मतदान का प्रतिशत बहुत कम रहता है। इन 266 सीटों में से 215 ग्रामीण क्षेत्रों में और बाकी 51 शहरी क्षेत्रों में हैं। आयोग यहां मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेगा। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान का राष्ट्रीय औसत 67.40% रहा था। लेकिन 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और झारखंड में मतदान का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से कम था।

चुनाव आयोग ने 266 ऐसी संसदीय सीटों की पहचान की है जहां मतदान का प्रतिशत बहुत कम रहता है। इन 266 सीटों में से 215 ग्रामीण क्षेत्रों में और बाकी 51 शहरी क्षेत्रों में हैं। आयोग यहां मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेगा। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान का राष्ट्रीय औसत 67.40% रहा था। लेकिन 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और झारखंड में मतदान का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से कम था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि सबके लिए एक पैमाना यहां काम नहीं करेगा। अलग-अलग इलाकों के लिए अलग रणनीति बनानी पड़ेगी। उन्होंने अधिकारियों से बूथ के हिसाब से एक्शन प्लान बनाने को कहा ताकि लोगों की भागीदारी बढ़ाई जा सके। उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग रणनीति बनाने को कहा। उसमें भी अलग-अलग वर्ग के लोगों के लिए अलग रणनीति होगी। पिछले लोकसभा चुनाव में 29.7 करोड़ मतदाताओं ने वोट नहीं डाले थे। 50 सबसे कम मतदान प्रतिशत वाले सीटों में से 17 बड़े शहरों अथवा महानगरों की सीटें थीं।

भाजपा संग गठबंधन हमारे नेताओं के साथ बर्ताव पर निर्भरः कुमारस्वामी

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी जनता दल सेक्यूलर ने चुनाव से पहले ही अपनी आकांक्षाएं जता दी हैं। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि वह राज्य में एनडीए की जीत के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन आगे भारतीय जनता पार्टी के साथ उनका गठबंधन इस बात पर निर्भर करेगा कि उनकी पार्टी के नेताओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के साथ साक्षात्कार में कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे केंद्र में कृषि मंत्री बनना चाहेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली जेडीएस पिछले साल सितंबर में एनडीए का हिस्सा बनी थी। गठबंधन के फार्मूले के तहत राज्य में 25 सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ेगी और तीन सीटें जनता दल सेक्युलर को मिली हैं। ये सीटें हैं मांड्या, हासन और कोलार।

बिहार में मुकेश सहनी की पार्टी महागठबंधन में शामिल

बिहार में मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) महागठबंधन में शामिल हो गई है। पहले खबर आई थी कि मुकेश सहनी के सामने आरजेडी ने विलय का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने नहीं माना। बिहार में महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है। राज्य में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं। आरजेडी सबसे अधिक 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस को 9 और लेफ्ट को 5 सीटें दी गई हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी अपने 26 सीटों के कोटे में से मुकेश सहनी की पार्टी को तीन सीटें देगी। ये सीटें हैं गोपालगंज, झंझारपुर और मोतिहारी। इस मौके पर मुकेश सहनी ने कहा, हमारी विचारधारा वही है जो लालू जी की है। मैं मुंबई की आलीशान जिंदगी छोड़कर गरीबों के लिए काम करने की कोशिश कर रहा हूं। भाजपा ने हमें उस सरकार से बाहर कर दिया जो हमारे साथ बनी थी। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने हमारे समुदाय के लिए आरक्षण के नाम पर झूठे वादे किए।

पीएम मोदी ने चूरू जनसभा में गिनाईं अपनी उपलब्धियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राजस्थान के चूरू में जनसभा को संबोधित किया। यहां 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, आज पूरा देश विकसित भारत के लिए काम कर रहा है और इसमें राजस्थान की बड़ी भूमिका है। बीते 10 साल में हमने विकसित भारत की नींव तैयार कर दी है। दुनिया यह देखकर हैरान है। पिछले 10 साल में आपने देश को बदलते देखा है। याद करिए, 10 साल पहले देश कितनी खस्ता हालत में था। कांग्रेस के बड़े-बड़े घोटालों और लूट के कारण देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। भारत की साख गिरती जा रही थी। देश के लोग छोटी-छोटी जरूरत के लिए जूझ रहे थे। करोड़ों गरीबों के सिर पर छत नहीं थी। करोड़ों लोगों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं था। सरकारी खजाना खाली ही रहता था। इसी हताशा और निराशा में 2014 में आपने गरीब के इस बेटे को अपनी सेवा का मौका दिया। मैंने तय किया कि हालात बदलने ही होंगे। मेरे लिए तो मेरा भारत, मेरा परिवार है। मोदी की गारंटी कैसे और कितनी रफ्तार से पूरी होती है, राजस्थान इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। मैंने गारंटी दी थी कि उज्ज्वला सिलेंडर सस्ता किया जाएगा। मैंने युवाओं को गारंटी दी थी कि सरकार बनते ही पेपरलीक इंडस्ट्री के खिलाफ जांच बिठाई जाएगी। यह गारंटी भी पूरी हो गई। हमने हरियाणा से समझौता कर शेखावाटी में पानी लाने का रास्ता भी साफ कर दिया है। दूसरी पार्टियों की तरह भाजपा घोषणा पत्र जारी नहीं करती, हम तो संकल्प पत्र लाते हैं। भाजपा जो कहती है वह जरूर करती है। 

केजरीवाल का गैरमौजूदगी में भगवंत मान होंगे हरियाणा में आप के स्टार प्रचारक

कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में ईडी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हरियाणा में पार्टी के स्टार प्रचारक होंगे। पार्टी ने प्रचार के लिए "हरियाणा के लाल ने, एक मौका केजरीवाल ने" नारा बनाया था। लेकिन 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी से राज्य में आप की प्रचार योजना गड़बड़ा गई। हरियाणा केजरीवाल का गृह प्रदेश है। वे भिवानी जिले के हैं। वे 2014 से ही अपने गृह राज्य में पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल केजरीवाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। इसलिए भगवंत मान को पार्टी राज्य में 'स्टार प्रचारक' बना सकती है। पार्टी नेताओं का कहना है कि केजरीवाल की अनुपस्थिति में मान मतदाताओं के सामने शासन के पंजाब और दिल्ली मॉडल का प्रदर्शन करेंगे।