आयरलैंड और कनाडा में कृषि से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटाने के लक्ष्य का व्यापक विरोध

कनाडा के विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री ही प्रधानमंत्री ट्रूडो के फैसले का विरोध कर रहे हैं। दूसरी तरफ आयरलैंड में सरकार ने वर्ष 2030 तक कृषि क्षेत्र से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 25 फ़ीसदी घटाने की प्रतिबद्धता जताई है। इसे लेकर किसानों, बिजनेस समूहों और पर्यावरणविदों के बीच लड़ाई शुरू हो गई है

आयरलैंड और कनाडा ने कृषि क्षेत्र में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने की घोषणा की है, लेकिन दोनों देशों की सरकारों के फैसले का वहां व्यापक विरोध हो रहा है। कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नाइट्रोजन उत्सर्जन घटाने के लिए उर्वरकों का इस्तेमाल कम करने का फैसला किया है। इसका कनाडा के विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री ही विरोध कर रहे हैं। दूसरी तरफ आयरलैंड में सरकार ने वर्ष 2030 तक कृषि क्षेत्र से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 25 फ़ीसदी घटाने की प्रतिबद्धता जताई है। इसे लेकर किसानों, बिजनेस समूहों और पर्यावरणविदों के बीच लड़ाई शुरू हो गई है।

अमेरिका की सीमा से लगते कनाडा के सास्काचेवन राज्य के कृषि मंत्री डेविड मेरिट और अल्बर्टा राज्य के कृषि मंत्री नेट हॉर्नर ने प्रधानमंत्री ट्रूडू के फैसले पर निराशा जताई है। मेरिट ने एक बयान में कहा, हम मनमाने लक्ष्य को लेकर काफी चिंतित हैं। ट्रूडू सरकार ने तेल एवं गैस उद्योग को निशाना बनाने के बजाय किसानों को निशाना बनाने का फैसला कर लिया है। हॉर्नर ने कहा, दुनिया वैश्विक खाद्य संकट के समाधान और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कनाडा की ओर देख रही है।

कनाडा सरकार ने दिसंबर 2020 में उत्सर्जन घटाने की योजना जारी की थी। उसमें लक्ष्य रखा गया था कि 2020 में उर्वरकों से जो नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है, वर्ष 2030 तक उसमें 30 फ़ीसदी की कटौती की जाएगीष उस योजना पर अब अमल किया जा रहा है। कनाडा के कृषि विभाग ने एक बयान में कहा है कि कृषि क्षेत्र की सफलता में उर्वरकों की बड़ी भूमिका है। पिछले दशक में रिकॉर्ड उपज, उत्पादकता बढ़ाने और अनाज के निर्यात में उर्वरकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन भी तेजी से बढ़ा है। इसलिए कनाडा सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर उर्वरकों से होने वाले उत्सर्जन में कटौती करने का लक्ष्य रखा है। यह 2030 तक कनाडा में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 40 से 45 फ़ीसदी कटौती की कनाडा की प्रतिबद्धता का ही हिस्सा है।

कृषि विभाग के इस बयान से यह भी स्पष्ट है कि नाइट्रोजन उर्वरकों का इस्तेमाल कम करने से अगले दशक में फसलों की उत्पादकता में भी गिरावट आएगी। इससे कृषि क्षेत्र तो को नुकसान तो होगा ही, उससे भी बड़ी बात है कि इससे किसान प्रभावित होंगे। उर्वरक निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और डिस्ट्रीब्यूटरों के संगठन फर्टिलाइजर कनाडा का कहना है कि देश में फसलों की उत्पादकता का उर्वरकों के इस्तेमाल से सीधा संबंध है। उर्वरकों से उत्सर्जन 2020 की तुलना में 30 फ़ीसदी कम करने का मतलब है कृषि उत्पादकता भी 2020 के स्तर से नीचे पहुंच जाएगी। उनका आकलन है कि 1000 एकड़ में कनोला और इतनी ही जमीन में गेहूं की खेती करने वाले किसान का मुनाफा सालाना 38000 से 40000 डॉलर कम हो जाएगा।

दूसरी तरफ आयरलैंड ने 2020 तक कृषि से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 25 फ़ीसदी घटाने का फैसला किया है। वैसे, 2030 तक सभी क्षेत्रों से कुल कार्बन उत्सर्जन 51 फ़ीसदी कम करने का लक्ष्य है, लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल लगता है क्योंकि प्रति व्यक्ति सबसे अधिक उत्सर्जन करने वाले इस देश में उत्सर्जन कटौती लक्ष्य पहले भी अधूरे रहे हैं। आयरलैंड के कुल उत्सर्जन में कृषि का हिस्सा 37 फ़ीसदी होता है। किसान संगठन 22 फ़ीसदी कटौती की उम्मीद में थे जबकि पर्यावरणविद और दूसरे सेक्टर के प्रतिनिधि इसमें 30 फ़ीसदी कटौती चाहते थे। सरकार ने इन दोनों के बीच 25 फ़ीसदी का लक्ष्य तय किया है।

आयरलैंड में कृषि उत्सर्जन कम करना स्वैच्छिक बनाया जाएगा और इसके लिए किसानों को इंसेंटिव भी मिलेगा। हालांकि मवेशी पालने वाले किसानों पर मवेशियों को खत्म करने का दबाव बढ़ेगा। इसलिए वहां के दुग्ध संगठन आयरिश क्रीमरी मिल्क सप्लायर्स एसोसिएशन ने इस डील की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे खेती मुनाफे की नहीं रह जाएगी। यह भी सच है कि कृषि क्षेत्र के लक्ष्य की भरपाई के लिए दूसरे सेक्टर के लक्ष्य ज्यादा रखे गए हैं। ट्रांसपोर्ट सेक्टर के लिए 50 फ़ीसदी, कमर्शियल और पब्लिक बिल्डिंग के लिए 40 फ़ीसदी और इंडस्ट्री के लिए 35 फ़ीसदी का लक्ष्य रखा गया है।