वैश्विक बाजार में नवंबर में लगातार महीने गिरे खाद्य पदार्थों के दाम: FAO

नवंबर में वैश्विक खाद्य कीमतें लगातार तीसरे महीने घटीं और FAO फ़ूड प्राइस इंडेक्स 125.1 अंक पर आ गया। डेयरी, मांस, चीनी और वनस्पति तेलों में गिरावट से सूचकांक नीचे रहा, जबकि अनाज में हल्की बढ़त दर्ज हुई। ब्राज़ील, भारत, थाईलैंड और यूरोपीय संघ में बेहतर उत्पादन अनुमानों से आपूर्ति का दबाव कम हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, वैश्विक खाद्य वस्तुओं की कीमतें नवंबर में लगातार तीसरे महीने घटीं। डेयरी, मांस, चीनी और वनस्पति तेलों के दामों में गिरावट आई, जिसने अनाज कीमतों में मामूली बढ़ोतरी को पीछे छोड़ दिया। FAO फ़ूड प्राइस इंडेक्स नवंबर 2025 में औसतन 125.1 अंक रहा, जो अक्टूबर से 1.2 प्रतिशत और पिछले वर्ष की तुलना में 2.1 प्रतिशत कम है। यह सूचकांक मार्च 2022 के शीर्ष स्तर से लगभग 22 प्रतिशत नीचे बना हुआ है।

पिछले महीने सिर्फ अनाज श्रेणी में कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई। FAO अनाज मूल्य सूचकांक नवंबर में 1.8 प्रतिशत बढ़ा। वैश्विक उत्पादन की अनुकूल स्थिति के बावजूद गेहूं के दाम बढ़े, जिसका कारण अमेरिका से चीन की संभावित खरीद, ब्लैक सी क्षेत्र में तनाव और रूस में कम बुवाई की आशंका रहा। मक्का के दाम ब्राज़ील से मजबूत मांग और अर्जेंटीना-ब्राज़ील में बारिश के चलते बढ़े। जौ और ज्वार की कीमतें भी ऊपर रहीं, जबकि चावल की कीमतें 1.5 प्रतिशत घटीं।

वनस्पति तेल कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज हुई। इंडेक्स अक्टूबर की तुलना में 2.6 प्रतिशत घटकर पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। मलेशिया में अपेक्षा से अधिक उत्पादन के कारण पाम तेल के दाम तेजी से गिरे। रेपसीड और सूरजमुखी तेल के दाम भी बेहतर वैश्विक आपूर्ति अनुमान के कारण घटे, जबकि सोया तेल के दाम बायोडीज़ल, विशेषकर ब्राज़ील से मजबूत मांग के कारण मामूली बढ़त में रहे। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी वनस्पति तेलों पर दबाव डाला।

मांस की कीमतों में हल्की गिरावट आई। पोल्ट्री के दाम प्रचुर आपूर्ति और चीन द्वारा आयात शुल्क लगाने के बाद मांग कमजोर पड़ने से घटे।

डेयरी कीमतों में लगातार पांचवें महीने गिरावट दर्ज हुई। यूरोपीय संघ में बड़े स्टॉक, न्यूज़ीलैंड में मौसमी बढ़ोतरी और एशिया के कुछ हिस्सों से कमजोर मांग के बीच सभी प्रमुख डेयरी उत्पादों के दाम नीचे रहे। मक्खन और स्किम्ड मिल्क पाउडर में सबसे अधिक गिरावट देखी गई।

चीनी की कीमतें सभी श्रेणियों में सबसे तेज़ गिरावट के साथ 5.9 प्रतिशत घटीं, जो दिसंबर 2020 के बाद सबसे कम स्तर है। ब्राज़ील में मजबूत उत्पादन, भारत की नए सीज़न की अच्छी शुरुआत और थाईलैंड में बेहतर फसल अनुमानों ने वैश्विक आपूर्ति बढ़ने की उम्मीदों को मजबूत किया।