खरीफ सीजन के लिए 24,420 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को मंजूरी 

केंद्र सरकार ने बुधवार को खरीफ सीजन 2024 के लिए फॉस्फेट और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। साथ ही न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत तीन नए उर्वरक ग्रेड को शामिल करने की अनुमति दी है। 

केंद्र सरकार ने बुधवार को खरीफ सीजन 2024 के लिए फॉस्फेट और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। साथ ही न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत तीन नए उर्वरक ग्रेड को शामिल करने की अनुमति दी है। 

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आगामी खरीफ सीजन 2024 के लिए फास्फेट और पोटाश उर्वरकों पर सब्सिडी की दरें तय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस पर लगभग 24,420 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत पोषक तत्वों की सब्सिडी दरें निर्धारित की जाती हैं, जिनके आधार पर 25 तरह के पीएंडके उर्वरक किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं। सरकार ने एनबीएस योजना के तहत 3 नए उर्वरक ग्रेड को शामिल करने का भी निर्णय लिया है। उर्वरक कंपनियों को अनुमोदित और अधिसूचित दरों के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके। 

मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि दुनिया में उर्वरकों के दाम बढ़े, लेकिन मोदी सरकार ने इनके दाम नही बढ़ने दिए हैं। फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों पर आगामी खरीफ सीजन के लिए 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूरी की गई है। नाइट्रोजन (एन) पर सब्सिडी 47.02 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फेट (पी) पर 28.72 रुपये प्रति किलोग्राम, पोटाश (के) पर 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम और सल्फर (एस) पर 1.89 रुपये प्रति किलोग्राम तय की गई है। फॉस्फेट उर्वरकों पर सब्सिडी रबी सीजन 2023 में 20.82 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इसे बढ़ाकर खरीफ सीजन 2024 के लिए 28.72 रुपये प्रति किलोग्राम किया है। नाइट्रोजन (एन), पोटाश (के) और सल्फर (एस) पर सब्सिडी की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 

डीएपी पर आयात निर्भरता को कम करने के लिए कैबिनेट ने एनबीएस योजना के तहत तीन नए उर्वरक ग्रेड को शामिल करने को मंजूरी दे दी। उर्वरक कंपनियों को अधिसूचित दरों के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके।