अंतरिम बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाओं का इंतजार

आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले बजट के जरिए केंद्र सरकार किसानों और ग्रामीण मतदाताओं को साधने का प्रयास कर सकती है। 2019 के अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने किसानों को सालाना 6 हजार रुपये के नकद भुगतान की पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना का ऐलान किया था। तब यह योजना गेमचेंजर साबित हुई थी। माना जा रहा है कि इस बार भी सरकार किसानों के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकती है। पीएम किसान की धनराशि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 9 हजार रुपये किए जाने की अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही हैं।

https://pixabay.com/photos/indian-old-old-couple-india-man-6539738/

आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले बजट के जरिए केंद्र सरकार किसानों और ग्रामीण मतदाताओं को साधने का प्रयास कर सकती है। 2019 के अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने किसानों को सालाना 6 हजार रुपये के नकद भुगतान की पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना का ऐलान किया था। तब यह योजना गेमचेंजर साबित हुई थी। माना जा रहा है कि इस बार भी सरकार किसानों के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकती है। पीएम किसान की धनराशि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 9 हजार रुपये किए जाने की अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही हैं।

अंतरिम बजट में कृषि ऋण के लक्ष्य को सरकार 20 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 22 लाख करोड़ रुपये या इससे अधिक कर सकती है। इससे किसानों को कृषि कार्यों के लिए पहले से अधिक ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा। अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कृषि और ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए बजट में खास प्रावधान होने चाहिए। 

खेती में ड्रोन, एआई जैसी आधुनिक तकनीक, इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर मोदी सरकार काफी जोर देती रही है। बजट में इन्हें प्रोत्साहन देने के लिए कुछ बड़ी घोषणाओं की उम्मीद की जा सकती है। इसके अलावा वित्त मंत्री का जोर बजट भाषण के जरिए कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को सामने रखने पर भी रहेगा। खासकर पीएम किसान के जरिए प्रत्यक्ष नकद भुगतान, एमएसपी पर हुई खरीद और फर्टिलाइजर सब्सिडी पर खर्च हुई धनराशि का जिक्र जोर शोर से किया जा सकता है। 

पिछले दिनों नेफेड के द्वारा किसानों से दलहन की खरीद के लिए ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत हुई थी। दलहन के मामले में आयात पर निर्भरता कम करना जरूरी है। सरकार दलहन उगाने वाले किसानों को प्रोत्साहन के लिए कोई बड़ी घोषणा बजट में होनी चाहिए। साथ ही प्राकृतिक खेती और डिजिटल एग्रीकल्चर भी नजर रहेगी। मोटे अनाजों और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसी बड़ी घोषणा का इंतजार रहेगा।

अलग सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने पर सरकार का ध्यान गया है। अंतरिम बजट में सहकारिता मंत्रालय के बजट में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है। कृषि बजट को खर्च ना कर पाने को लेकर पिछले दिनों सरकार की काफी आलोचना हुई है। इस बार कृषि बजट के आवंटन में बढ़ोतरी के साथ-साथ गत बजट क्रियान्वयन के आंकड़ों पर भी नजर रहेगी।

एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम की सफलता के लिए सरकार मक्का से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दे सकती है। इस बारे में सरकार की तरफ से किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद की जा रही है। पराली की समस्या के समाधान और बायोफ्यूल को बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत विशेष रियायतों की उम्मीद कर रहा है। कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास पर पिछले कई बजट में सरकार का जोर रहा है। देखना है इस बार सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।