देश के विभिन्न हिस्सों से किसान आज नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले ‘किसान महापंचायत’ में शामिल हुए। महापंचायत में किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से कृषि, डेयरी, पोल्ट्री और मत्स्य पालन क्षेत्र को बाहर रखने तथा किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग उठाई।
महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए। यह मांग केवल हरियाणा और पंजाब के किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए है। देशभर के किसान अपनी मांगें रखने के लिए यहां आए हैं।
भारी बारिश के बावजूद जंतर-मंतर पर आयोजित महापंचायत में किसानों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया। जगह-जगह पुलिस चेकिंग और सड़कों पर लंबे जाम के बावजूद किसान महापंचायत में पहुंचे। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की ओर से कृषि मंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा गया।
किसान महापंचायत से पहले, कल देर रात भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) को एक चिट्ठी भेजी गई, जिसमें अति शीघ्र किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बैठक करने के लिए तिथि तय करने की बात कही गई।
किसानों का कहना है कि लगातार बढ़ती लागत और बाजार की अनिश्चितता के बीच एमएसपी की कानूनी गारंटी जरूरी है, वरना किसान आर्थिक संकट में फंस जाएंगे। उन्होंने आशंका जताई कि यदि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों को शामिल किया गया तो किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी। किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज पुलिस केस को वापस लेने की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है।
किसान महापंचायत में पी. आर. पांड्यन, अनिल तालान, राजवीर सिंह, बलदेव सिंह सिरसा, सतनाम सिंह बेहरु, काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़, जरनैल सिंह, गुरदास सिंह, जगमीत सिंह बराड़, मनिंदर सिंह मान, सुरेश पाटिल, लीलाधर सिंह राजपूत, इंदरजीत सिंह पन्नीवाला, जयवीर यादव, नितिन बालियान, मनप्रीत सिंह बाथ, सुखपाल डफर, रघुवीर पंघाला, जितेंद्र शर्मा, सोनवीर सिंह, ए. एस. बाबू आदि मौजूद रहे।