नए चीनी सीजन में सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी

सभी चीनी मिलों को पिछले 3 साल के औसत उत्पादन का 18.23% निर्यात कोटा दिया गया है। अगर कोई मिल चीनी निर्यात नहीं करना चाहती है तो वह अपना कोटा पूरी तरह या आंशिक रूप से सरेंडर कर सकती है अथवा अन्य चीनी मिलों के साथ एक्सचेंज कर सकती है

देश से 1 नवंबर 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक 60 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा सकता है खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के मुताबिक चीनी मिल खुद यह निर्यात कर सकती हैं या निर्यातकों के जरिए भी वे ऐसा कर सकती हैं। इसके अलावा किसी अन्य मिल के साथ घरेलू बिक्री का कोटा भी स्वैप किया जा सकता है। चीनी का सीजन हर साल अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। 

सभी चीनी मिलों को पिछले 3 साल के औसत उत्पादन का 18.23% निर्यात कोटा दिया गया है। अगर कोई मिल चीनी निर्यात नहीं करना चाहती है तो वह अपना कोटा पूरी तरह या आंशिक रूप से सरेंडर कर सकती है अथवा अन्य चीनी मिलों के साथ एक्सचेंज कर सकती है। उन्हें यह आदेश जारी होने (5 नवंबर 2023) के 60 दिनों के भीतर ऐसा करना पड़ेगा।

अगर चीनी मिल 31 मई 2023 तक अपने निर्यात कोटा का 90% नहीं डिस्पैच कर पाती है तो निर्यात ना की गई मात्रा के 30% के बराबर आवंटित कोटा जुलाई-अगस्त 2023 में उनके घरेलू कोटा से कम कर दिया जाएगा। सभी चीनी मिलों को esugar.nic.in पर चीनी निर्यात की जानकारी रोजाना अपलोड करनी पड़ेगी।

वर्ष 2016-17 में भारत से सिर्फ 46000 टन चीनी का निर्यात किया गया था। यह 2017-18 में बढ़कर 6.32 लाख टन, 2018-19 में 38 लाख टन, 2019-20 में 59 लाख टन, 2020-21 में 71.90 लाख टन और 2021-22 में 112 लाख टन तक पहुंच गया था।

ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के आर पी भगरिया ने रूरल वॉयस से बातचीत में चीनी निर्यात के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, यह समय पर लिया गया निर्णय है। अभी गन्ना पेराई का सीजन शुरू ही हुआ है। इस निर्णय से इंडस्ट्री को मदद मिलेगी। सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन काफी व्यापक है।