प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) की 21वीं किस्त जारी करेंगे। इसके साथ ही प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) की इस योजना के तहत किसानों को दी गई कुल सहायता 3.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी। योजना से अब तक 11 करोड़ से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं। योजना की 20वीं किस्त 2 अगस्त को जारी की गई थी।
2019 में शुरू की गई इस केंद्रीय योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को हर वर्ष 6,000 रुपये तीन समान किस्तों में दिए जाते हैं। आधार आधारित सत्यापन, ई-केवाईसी और सीधे बैंक हस्तांतरण के जरिए योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जाती है। इस योजना के लाभार्थियों में 25% से अधिक महिलाएं शामिल हैं।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर ने बढ़ाई पहुंच
सरकार ने PM-KISAN को अधिक सरल और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम को लगातार मजबूत किया है। किसान अब OTP आधारित, बायोमेट्रिक और फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए ई-केवाईसी अपने घर से ही कर सकते हैं। PM-KISAN मोबाइल ऐप पर ई-केवाईसी अपडेट, लाभार्थी स्थिति की जानकारी और पंजीकरण जैसी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
पोर्टल pmkisan.gov.in के "फार्मर्स कॉर्नर" सेक्शन में किसान “Know Your Status” फीचर के जरिए अपनी किस्त की स्थिति आसानी से देख सकते हैं। पंजीकरण ऑनलाइन, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा डोरस्टेप आधार आधारित बैंक खाता खोलकर भी किया जा सकता है।
शिकायत निवारण के लिए AI चैटबॉट
सरकार ने किसान-ईमित्रा नाम का एआई संचालित चैटबॉट भी लॉन्च किया है, जो 11 भाषाओं में 24×7 सहायता उपलब्ध कराता है। यह सिस्टम ऑटोमेटिक लैंग्वेज और स्कीम डिटेक्शन, वॉयस-बेस्ड इंटरैक्शन और टच-फ्री फीचर्स से लैस है, जिससे किसान भुगतान स्थिति, शिकायत दर्ज कराने और जानकारी प्राप्त करने जैसे काम आसानी से कर सकते हैं।
किसान रजिस्ट्री से मिलेगी मदद
कृषि मंत्रालय ने देशभर में किसान रजिस्ट्री की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से किसानों को सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ तेजी और सुगमता से मिल सकेगा। इससे बार-बार दस्तावेज़ सत्यापन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी और अंतिम छोर तक डिलीवरी और मजबूत होगी।
अंतरराष्ट्रीय खाद्य एवं नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) के अध्ययन में पाया गया है कि पीएम-किसान ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, किसानों की जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ाई है और कृषि निवेश में बढ़ोतरी को प्रोत्साहित किया है। यह सहायता शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक खर्चों में भी किसानों की मदद कर रही है।