देश की अग्रणी बीज कंपनियों में से एक, रासी सीड्स ने भारत के डेयरी क्षेत्र के लिए गुणवत्तापूर्ण हरे चारे की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके लिए इसने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (ICAR-IGFRI), झांसी के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौता ज्ञापन पर रासी सीड्स के प्रबंध निदेशक आर राजेंद्रन और सिरा सीड्स के व्यवसाय प्रमुख एन सरवनन ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर, ICAR-IGFRI के निदेशक पंकज कौशल और चारा फसलों एवं उपयोग पर AICRP के परियोजना समन्वयक विजय कुमार यादव भी उपस्थित थे। इस साझेदारी से रासी सीड्स को बरसीम और जई की दो उच्च-गुणवत्ता वाली किस्मों तक पहुंच प्राप्त होगी, जिनका व्यावसायीकरण इसके ब्रांड, सिरा सीड्स के तहत किया जाएगा।
भारत में 25 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा भूमि पर बरसीम और जई की खेती होती है, ऐसे में यह पहल हरे चारे की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पाटने की दिशा में एक अहम कदम है। सर्दियों के लिए बेहतर चारे के बीजों की समय पर उपलब्धता से डेयरी किसानों को पशुधन पोषण और उत्पादकता में वृद्धि के जरिए काफी फायदा होने की उम्मीद है।
राजेंद्रन ने कहा, इस समझौता ज्ञापन के जरिए हमारा लक्ष्य वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित, उच्च प्रदर्शन वाली चारा किस्में कृषक समुदाय तक पहुंचाना है। उन्होंने आगे कहा, "सिरा ब्रांड के जरिए हमारे प्रयास देश में गुणवत्तापूर्ण चारा बीजों की कमी दूर करने पर केंद्रित रहेंगे।"
यह सहयोग श्वेत क्रांति 2.0 लाने के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य टिकाऊ और विज्ञान-समर्थित कृषि इनपुट के माध्यम से डेयरी मूल्य श्रृंखला में सुधार लाना है। पौष्टिक हरे चारे की उपलब्धता में सुधार करके, इस साझेदारी से भारत के लाखों डेयरी किसानों के लिए दूध की पैदावार में वृद्धि, चारे की लागत में कमी और बेहतर आजीविका सुनिश्चित होने की उम्मीद है।