तमिलनाडु के किसान रविचंद्रन वी अय्यर को मिला कोर्टेवा एग्रीसाइंस अवार्ड

कृषि समाधानों की वैश्विक कंपनी कोर्टेवा एग्रीसाइंस ने अपने क्लाइमेट पॉजिटिव लीडर्स प्रोग्राम के लिए भारत को विजेता घोषित किया है। तमिलनाडु के किसान रविचंद्रन वंचीनाथ अय्यर को यह अवार्ड मिला है। वे जलवायु सकारात्मक प्रथाओं को खेती में सफलतापूर्वक अपनाने वाले शुरुआती किसानों में से एक हैं। इन प्रथाओं को वे दूसरे किसानों से भी साझा कर रहे हैं।  

रविचंद्रन वंचीनाथ अय्यर।

कृषि समाधानों की वैश्विक कंपनी कोर्टेवा एग्रीसाइंस ने अपने क्लाइमेट पॉजिटिव लीडर्स प्रोग्राम के लिए भारत को विजेता घोषित किया है। तमिलनाडु के किसान रविचंद्रन वंचीनाथ अय्यर को यह अवार्ड मिला है। वे जलवायु सकारात्मक प्रथाओं को खेती में सफलतापूर्वक अपनाने वाले शुरुआती किसानों में से एक हैं। इन प्रथाओं को वे दूसरे किसानों से भी साझा कर रहे हैं।  

इस कार्यक्रम का मकसद उन किसानों को सम्मानित करना है जिन्होंने जलवायु सकारात्मक कृषि को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रभाव डाला है। जलवायु परिवर्तन पर बढ़ती चिंताओं और टिकाऊ समाधानों की अनिवार्यता को देखते हुए कोर्टेवा पर्यावरण संरक्षण के साथ कृषि उत्पादकता को बढ़ाने वाली नई प्रथाओं की वकालत करने और सुविधा प्रदान करने में सबसे आगे है।

तमिलनाडु के रविचंद्रन धान, कपास, दालों और गन्ना जैसी प्रमुख फसलों की खेती करते हैं।  कृषि वैज्ञानिकों, सार्वजनिक और निजी अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, निजी क्षेत्र के शोधकर्ताओं और साथी किसानों के मार्गदर्शन का लाभ उठाते हुए उन्होंने बेहतर सिंचाई प्रबंधन के माध्यम से पर्यावरण अनुकूल चावल उगाने पर ध्यान केंद्रित किया है। ड्रिप सिंचाई तकनीक, उर्वरकों के बेहतर इस्तेमाल और चावल की किस्मों के रणनीतिक चयन पर अधिक जोर देने के साथ उन्होंने अच्छी कृषि पद्धतियों को अपनाकर पानी की खपत में 50 फीसदी तक की कमी लाई है। इसके जरिये मीथेन उत्सर्जन और कार्बन फूटप्रिंट को कम करने में उन्होंने सफलता पाई है।

कोर्टेवा ने एक बयान में कहा है कि रविचंद्रन खेती में शून्य प्लास्टिक अपशिष्ट और शून्य प्रदूषण रणनीति अपनाते हैं। वे वनस्पति अपशिष्ट को गीली घास में बदल कर मिट्टी को  कार्बन से समृद्ध बनाते हैं और यूरिया का उपयोग कम करते हैं।

बयान के मुताबिक, रविचंद्रन के प्रयास कोर्टेवा के मूल मूल्यों का प्रतीक हैं जो टिकाऊ कृषि को प्राथमिकता देते हैं। उनकी उपलब्धियां यह बात साबित करती है कि उत्पादकता से समझौता किए बिना खेती में स्थिरता हासिल की जा सकती है। इस अवार्ड के तहत ग्लोबल फार्मर राउंडटेबल में प्रशिक्षण और व्यक्तिगत भागीदारी के अलावा उन्हें ग्लोबल फार्मर नेटवर्क (जीएफएन) की आजीवन सदस्यता प्राप्त होगी।