किसानों की मांगों को लेकर महासमुंद में किसान महाबैठक का आयोजन

सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष अन्य जरूरी मांगो को लेकर किसानों की एकजुटता और आगामी रणनीति निर्धारण के लिए शुक्रवार को छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ /संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 12 बजे से शाम 5 बजे तक कृषि उपज मंडी महासमुन्द में "किसान - महाबइठका" का आयोजन किया गया है

सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष अन्य जरूरी मांगो को लेकर किसानों की एकजुटता और आगामी रणनीति निर्धारण के लिए शुक्रवार को छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ /संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 12 बजे से शाम 5 बजे तक कृषि उपज मंडी महासमुन्द में "किसान - महाबइठका" का आयोजन किया गया है। 

किसान –महाबइठका आयोजन कमेटी के संयोजक तेजराम विद्रोही ने बताया कि इस महत्वपूर्ण विषय पर मुख्य वक्ता अखिल भारतीय किसान महासभा (आइफा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजाराम त्रिपाठी होंगे। उन्होंने केन्द्र सरकार के कृषि, किसान और आम उपभोक्ता विरोधी कानून का पूरी तरह अध्ययन कर किसान संगठन के नेताओं को उनके होने वाले दुष्परिणाम के बारे में अवगत कराया तथा लगातार गाजीपुर बॉर्डर में रहकर आंदोलन का समर्थन किया था। तेजराम विद्रोही ने सभी किसान , मजदूर , छात्र, युवा, बुध्दिजीवियों और आम नागरिकों को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है ताकि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर हमारी एकजूटता को मजबूती प्रदान करें ।

किसान मजदूर महासंघ /संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी फसलों का लागत से डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हो। सभी कृषि उपजों को पूरे साल न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की कानूनी गारंटी दी जाए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान राशि का लाभ सभी किसानों को अनिवार्य रूप से प्रदान किया जाये। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को प्रदान किया जाये तथा सभी बकाया किस्त की राशि तत्काल प्रदान की जाये। यूरिया, डीएपी जैसे सभी प्रकार की खाद की उपलब्ता बढ़ायी जाये कालाबाजारी पर रोक लगायी जाए।

वहीं इस मोर्चा ने राज्य सरकार से 16 मांगे रखी हैं। जिनमें सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों की पूरी धान खरीदी,भाजपा सरकार के समय का दो साल का धान का बोनस किसानों को प्रदान किया जाये। चिटफंड कंपनियों से किसान, मजदूर एवं आम अभिकर्ता / निवेशकों की राशि वापस दिलाया जाये। छत्तीसगढ़ में किसान आयोग का गठन किया जाये। प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत बकाया सभी किस्त हितग्राहियों को शीघ्र प्रदान की जाये ताकि अधूरे आवास का निर्माण पूरा किया जा सके तथा योजना से वंचित गरीब किसान मजदूरों आवास हेतु स्वीकृति प्रदान किया जाये। ऋणी एवं अऋणी सभी किसानों को सहकारी समितियों में खाद की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध करायी जाये । राईस मीलों द्वारा खरीदे गए धान का बकाया भुगतान सुनिश्चित करने जैसी मांगे शामिल हैं।

महाबइठका में तैयार प्रस्ताव को राज्य से संबंधित विषयों को ज्ञापन के रूप में मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सरकार और केन्द्र से संबंधित विषयों को ज्ञापन के रूप में केन्द्र सरकार को सौंपा जायेगा। इसके आयोजकों में  तेजराम विद्रोही संयोजक,जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर संयोजक किसान भुगतान संघर्ष समिति महासमुन्द्र  लक्ष्मीनाराण चन्द्राकर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ अभिकर्ता/निवेशक कल्याण संघ, अजय राहू संयोजक किसान भुगतान संघर्ष समिति सांकरा, पवन सक्सेना सदस्य कृषक बिरादरी शामिल हैं।