एनडीबीबी डेयरी सर्विसेज उत्तर प्रदेश की तीन महिला दुग्ध उत्पादक कंपनियों को दे रही तकनीकी सहायता

यूपीएसआरएलएम और एनडीएस के बीच एक समझौते के तहत तीन महिला दुग्ध उत्पादक कंपनियों को शामिल किया गया है। ये तीन महिला दुग्ध उत्पादक कंपनियां हैं- रायबरेली स्थित सामर्थ्य दुग्ध उत्पादक कंपनी, गोरखपुर स्थित श्री बाबा गोरखनाथ कृपा दुग्ध उत्पादक कंपनी एवं बरेली स्थित श्रीजनी दुग्ध उत्पादक कंपनी। एनडीएस के मुताबिक, इस समझौते के तहत राज्य के 17 जिलों के 2,800 से अधिक गांवों में 1.5 लाख महिला डेयरी किसानों को जोड़ा जाएगा। इसके जरिये संचालन के पांचवें वर्ष तक रोजाना 7 लाख लीटर से अधिक दूध खरीदा जाएगा।

महिला डेयरी किसानों को उत्तर प्रदेश सरकार दे रही बढ़ावा।

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीबीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज (एनडीएस) उत्तर प्रदेश में महिला स्वामित्व वाली तीन दुग्ध उत्पादक कंपनियों को सशक्त बनाने के लिए तकनीकी सहायता दे रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला सामर्थ्य योजना के तहत महिला सशक्तिकरण एवं उनकी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए इन कंपनियों की स्थापना की है। इसके तहत 1.5 लाख महिला डेयरी किसानों को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी एनडीएस को सौंपी गई है।

उत्तर प्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है। राज्य सरकार ने 2021-22 के बजट में 200 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ महिला सामर्थ्य योजना (MSY) शुरू की थी। इसके तहत महिलाओं के स्वामित्व वाले  उद्यमों को बढ़ावा दिया जाता है।

एनडीएस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि वह यूपी स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन (यूपीएसआरएलएम) द्वारा संचालित परियोजना को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। यूपीएसआरएलएम और एनडीएस के बीच एक समझौते के तहत तीन महिला दुग्ध उत्पादक कंपनियों को शामिल किया गया है। ये तीन महिला दुग्ध उत्पादक कंपनियां हैं- रायबरेली स्थित सामर्थ्य दुग्ध उत्पादक कंपनी, गोरखपुर स्थित श्री बाबा गोरखनाथ कृपा दुग्ध उत्पादक कंपनी एवं बरेली स्थित श्रीजनी दुग्ध उत्पादक कंपनी। एनडीएस के मुताबिक, इस समझौते के तहत राज्य के 17 जिलों के 2,800 से अधिक गांवों में 1.5 लाख महिला डेयरी किसानों को जोड़ा जाएगा। इसके जरिये संचालन के पांचवें वर्ष तक रोजाना 7 लाख लीटर से अधिक दूध खरीदा जाएगा।

झांसी की 'बलिनी दुग्ध उत्पादक कंपनी' और वाराणसी की 'काशी दुग्ध उत्पादक कंपनी' की सफलता से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला स्वामित्व वाले उत्पादक संगठनों को बढ़ावा देने के लिए 'महिला सामर्थ्य योजना' शुरू करने की घोषणा की थी। इस परियोजना के संचालन का दारोमदार उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के कंधों पर है, जबकि एनडीएस तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। श्री बाबा गोरखनाथ कृपा दुग्ध उत्पादक कंपनी देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर और महाराजगंज जिले की महिला किसानों को सशक्त बनाएगी। जबकि सामर्थ्य दुग्ध उत्पाक कंपनी का कार्यक्षेत्र रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, अयोध्या, फतेहपुर, कानपुर नगर और प्रतापगढ़ है। श्रीजनी का संचालन बरेली, रामपुर, पीलीभीत, खीरी, सीतापुर और शाहजहांपुर जिले के लिए किया जा रहा है।

इस पहल पर यूपीएसआरएलएम की मिशन निदेशक सी इंदुमती ने कहा, "महिला सामर्थ्य योजना ग्रामीण महिलाओं के कौशल विकास और उनकी उद्यमिता के जरिये महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली अभूतपूर्व योजना है। एनडीएस की विशेषज्ञता का भरपूर उपयोग करते हुए यूपीएसआरएलएम का उद्देश्य ग्रामीण उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ इन महिलाओं और उनके परिवार के जीवन में आधारभूत परिवर्तन लाना है।"

एनडीडीबी एवं एनडीएस के प्रबंध निदेशक मीनेश शाह ने कहा, "उत्तर प्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक प्रदेश है। यहां पर अपार संभावनाएं हैं। राज्य में उत्पादक स्वामित्व वाले संगठनों के माध्यम से सुनियोजित योजनाएं 'भारत को दुनिया की डेयरी बनाने' की दिशा में केंद्र सरकार के प्रयास में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। महिला डेयरी किसानों को एक साथ लाने की यह पहल न सिर्फ इन महिला किसानों के लिए आजीविका के साथ-साथ बाजार में पहुंच सुनिश्चित करेगी, बल्कि ग्रामीण परिवेश वाले इन 17 जिलों की महिलाओं की उद्यमशीलता को भी पंख लगाएगी।"