रूरल वॉयस विशेष: कम लागत वाली मिलेट्स डिहलर मशीन से प्रोसेसिंग कर दस गुना लाभ कमाएं

मिलेट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार द्वारा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास के लिए काम किया जा रहा है। सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ एगीकल्चर इंजीनियरिंग रीजनल सेंटर ने इन सब समस्याओं को देखते हुए मिलेट्स के छिलके निकालने के लिए मिलेट्स डिहलर मशीन विकसित की गई है। इससे छिलके हटाने का काम बेहद आसान हो गया है

हाल के वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बाजरा और छोटे दाने वाले अनाजों के विकास की संभावनाओं को देखते हुए भारत में भी इनका उत्पादन बढ़ाने में रुचि बढ़ रही है। भारत में आहार विविधता के अभाव के कारण कुपोषण, मधुमेह, मोटापा तथा दूसरी स्वास्थ्य संबधी समस्याएं देखी जा रही हैं। लोगों में इन जोखिमों को कम करने के लिए मोटे अनाज यानि मिलेट्स - ज्वार, मोती बाजरा, रागी, छोटा बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा, प्रोसो बाजरा, बरनार्ड बाजरा, कोदो - को भोजन में शामिल करने की सलाह दी जा रही है। लेकिन मिलेट्स में सबसे बड़ी समस्या है कि किसानों को उचित दाम नही मिल पाता है। छोटे दाने होने के कारण छिलके निकालने में बहुत अधिक श्रम की जरूरत होती है। अगर किसान छिलका सहित बेचते हैं तो बहुत कम दाम मिलते हैं। इन सब समस्याओं देखते हुए मिलेट्स के छिलके निकालने के लिए मिलेट्स डिहलर विकसित किया गया है। रूरल वॉयस के साथ चर्चा में सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट आफ एगीकल्चर इंजीनियरिंग रीजनल सेंटर कोयम्बटूर के हेड डॉ एस. बालासुब्रमण्यम ने इस मशीन के बारे में जानकारी दी। इसको ऊपर दिए गए वीडियो लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।

डॉ बालासुब्रमण्यम ने बताया कि हरित क्रांति के बाद मुख्य खाद्यान्न फसलें धान और गेहूं पर ही विशेष ध्यान दिया गया। उस समय देश के लोगों को भुखमरी से निकालने के लिए इन फसलों की जुताई से लेकर प्रोसेसिंग तक ज्यादा काम किया गया। इसमें हमारी पुरानी परम्परागत फसलें, मिलेट्स पीछे छूट गईं। लेकिन आज के वक्त में मिलेट्स का महत्व समझ में आने लगा है। मिलेट्स उच्च प्रोटीन, फाइबर, विटामिन तथा आयरन आदि की उपस्थिति के चलते पोषण हेतु बेहतर आहार होते हैं।

डॉ बालासुब्रमण्यम ने बताया कि मिलेट्स दानों के छिलके हटाने के बाद ही आहार में रूप बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। मगर दूसरी तरफ समस्या यह है कि, मिलेट्स दानों के छिलके गोंद की तरह दानों में चिपके रहते हैं। परंपरागत रूप से महिलाओं द्वारा मूसल या लकड़ी स्टोनर ग्राइंडर का उपयोग करके मैन्युअल रूप से छिलका हटाया जाता है। इसमें दाने टूट जाते हैं या फिर मिलेट्स अनाजों के साथ छिलका मिलने से इनके आटा की क्वालिटी खराब हो जाती है। इस प्रक्रिया में कठिन परिश्रम और ज्यादा समय भी लगता है। इस कारण मिलेट्स की खपत में भारी गिरावट आई है।

डॉ सुब्रमण्यम ने कहा कि मिलेट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार द्वारा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास के लिए काम किया जा रहा है। सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ एगीकल्चर इंजीनियरिंग रीजनल सेंटर ने इन सब समस्याओं को देखते हुए मिलेट्स के छिलके निकालने के लिए मिलेट्स डिहलर मशीन विकसित की गई है। इससे छिलके हटाने का काम बेहद आसान हो गया है। दानों के टूटने की भी समस्या कम हो गयी है। उन्होंने बताया कि, इसमें मिलेट्स के 100 किलों अनाज का 60 से 65 किलों छिलका रहित अनाज मिलता है। उन्होंने बताया, मिलेट डिहलर मशीन को 10 बाई 12 फीट के कमरे में स्थापित कर सिंगल फेज कंरट से चला सकते हैं। इसको एक आदमी सुगमता पूर्वक आपरेट कर सकता है। इस मशीन से 10 से 12 प्रकार के जो मिलेट्स अनाज है उनके छिलके असानी ने निकाले जा सकते हैं।  

डॉ सुब्रमण्यम ने यह भी जानकारी दी कि इस मशीन की कीमत 80 हजार रूपये है जो क्लीनर, स्टोनर, डीहालर का काम करती है। इसमें ग्रेडर और पैंकिग तकनीक जोड़ दी जाती है तो इस मशीन की कीमत 2 से 2.50 लाख की हो जाती है। इसमें 10 से 12 मिलेट्स का असानी से प्रोसेसिंग किया जाता है। उन्होंने कहा कि मिलेट्स की प्रोसेसिंग के बाद उसकी कीमत में दोगुना से लेकर 10 गुना तक हो जाती है जिससे किसानों को लाभ मिलता है।

दिल्ली के रोहिणी में मिलेट्स डिहलर मशीन के उपयोगकर्ता और उद्यमी अभय कुमार मिलेट्स प्रोसेसिंग का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिलेट्स मशीन को साल 2015 में लगभग 55 हजार में खरीदी थी। सिंगल फेज कंरट से चला सकते हैं। एक घंटे में 60 से 70 किलो मिलेट्स अनाजों का छिलका उतार सकते हैं।

अभय कुमार ने कहा वे कोदो, रागी, छोटा बाजरा, बरनार्ड सहित कई मिलेट्स अनाजों की प्रोसेसिंग करते हैं। इस मशीन से जरूरत के हिसाब से एक दिन में एक क्विटंल से लेकर 10 क्विटंल तक मिलेट्स का छिलका उतार सकते हैं। उन्हें पहले की तुलना में प्रति किलो 20 से 25 रुपये का फायदा मिल रहा है। उनका सुझाव है कि गांव के किसान कम लागत में स्थापित कर इस मशीन से अच्छा लाभ कमा सकते हैं।