एग्री-फिनटेक स्टार्ट-अप हेसा 60 हजार से अधिक लोगों को वित्तीय सुविधा प्रदान करेगा

एग्री-फिनटेक स्टार्ट-अप हेसा का कहना है कि अधइकांश दूरदराज के गांवों में वर्तमान में बैंक नहीं है। इसलिए किसानों को वित्तीय सेवाओं के लिए दूसरे शहर या गांव जाना पड़ता है। इससे ग्रामीणों को बहुत समय का नुकसान होता है। हेसा अपनी डिजिटल वित्तीय सेवाओं के जरिए इस समस्या का समाधान कर रही है। उसका कहना है कि जरूरत के मुताबिक वित्तीय सेवाएं मिलने से किसानों की उत्पादकता बढ़ती है

हैदराबाद की  कृषि-फिनटेक स्टार्ट-अप हेसा ने घोषणा की है कि दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहरो तीस हजार गांवों के 60 हजार से अधिक लोगों को वित्तीय सुविधा प्रदान करने लक्ष्य रखा है । इस वित्तीय सुविधा से  ग्रामीणों को बिल भुगतान, पैसे निकालने के लिए खाता खोलने, मोबाइल रिचार्ज, बस टिकट बुकिंग, डीमैट खाते खोलने, सावधि जमा खाता खोलने आदि जैसे लेन-देन में आसानी होगी।

हेसा एक एकीकृत सामाजिक,फिजिकल और डिजिटल कामर्शियल प्लेटफार्म है जो ग्रामीण भारत में उत्पादों और सेवाओं के डिजिटल लेनदेन को मजबूत बनाने का काम करती है।

हेसा इन वित्तीय सेवाओं के साथ, ऐप के माध्यम से फाइनेंस सर्विस प्रोवाइडर है। जो अंतिम उपभोक्ता तक एक पुल का काम करता है, जिससे कि दोनो के संबधो के बीच  जो खाई  को कम किया जा सके । 

हेसा  फिजिटल अप्रोच का इस्तेमाल करके खरीदने और बेचने में तकनीक और मानवीय क्षमताओं सही उपयोग कर व्यवसायिक रूप से विस्तार करने और उसका  सही लाभ मिल सके, इसके  लिए रूरल प्राइस चेन को  मजबूती प्रदान करता है। हेसा के ऐप का उद्देश्य दूरदराज के ग्रामीण स्थानों में वित्तीय चुनौतियों को  हल करना है । इसके साथ  ही ग्राहकों और ब्रांडों दोनों को खरीदने, बेचने, बढ़ावा देने और वितरित करने के लिए तकनीक को मजबूत करना है। वर्तमान में यह ऐप की सुविधा  तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में उपलब्ध है और जल्द ही देश के पांच और राज्यों में इसका विस्तार होगा। अगली तिमाही से महाराष्ट्र में भी शुरूआत होगी।

अधिकांश दूरदराज के गांवों में वर्तमान में बैंक नहीं है, इसलिए किसान को वित्तीय सुविधा प्राप्त करने  दूर के गांव और शहरों में  जाना पड़ता है। इस प्रकार ग्रामीण लोगों के बहुत समय का नुकसान  होता है। हेसा की वित्तीय सेवाओं  सुविधा से इस तरह की समस्याओं का समाधान हो जाता  है और लोगों के समय की  बचत होती है ।  कंपनी का दावा है कि इसके द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सेवाओं से किसानों की उत्पादकता में वृद्धि होती हैं। इस सुविधा लाभ उन लोगों के लिए भी है जो है जो ग्रामीण बाजार में अलग-अलग व्यवसाय कर रहे हैं।

हेसा के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर और हेड- फिनटेक,  ऋषभ शाह का  कहना है कि  हम एक ऐसे युग में हैं जहां फिनटेक अपनाने की दर बहुत अधिक है क्योंकि भारत में स्मार्टफोन रखने वालों की की दर में तेजी से वृद्धि हुई है।  मोबाइल के द्वारा पैसे का लेन देन और भुगतान शहरी ओर ग्रामीण दोनों के लिए  सुविधाजनक है। उन्होंने कहा कि हम अपनी सर्विस से  ग्रामीण भारत को इस तरह से सशक्त बनाना चाहते हैं कि वह अपने स्वयं के व्यवसाय के स्वामी हों और साथ ही साथ हमारे साथ जुड़े हों ताकि उनके पास रोजगार के विकल्प हों। वर्तमान में प्लेटफॉर्म में एक महीने में 15 लाख से अधिक लोगों का लेनदेन होता हैं और हमारा लक्ष्य 2022 के अंत तक एक महीने में 30 लाख से अधिक लोगों का  लेनदेन करना है।

उन्होंने कहा कि कंपनी का दृष्टिकोण न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करना है बल्कि सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करना है जो मेट्रो सिटी में आसानी से उपलब्ध हैं ताकि वह  इसी प्रकार ग्रामीण भारत के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन बने।