कम्प्रेस्ड बायोगैस एनर्जी सेक्टर और कृषि क्षेत्र के लिए गेम चेंजर होगी

कम्प्रेस्ड बायोगैस एनर्जी सेक्टर के साथ-साथ कृषि के अवशेषों का बेहतर इस्तेमाल होगा इससे किसानों आमदनी के साथ-साथ शहरों को स्वस्छ वातावरण मिलेगा। उनका कहना है कि अब हमारी कोशिश है कि पराली को भी सही तरीके से इस्तेमाल किया जाय जिससे कि प्रदूषण कम हो

अब किसान कम्प्रेस्ड बायोगैस की मदद से आर्थिक गतिविधियों को उर्जा सुरक्षा दे पाएंगे,प्रदूषण को कम कर  पाएंगे और पर्यावरण को स्वच्छ बना पाएंगे, इस बात की जानकारी भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विभाग के सचिव तरूण कपूर ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा 9 जूलाई को नई दिल्ली में आयोजित वर्चुअल कॉन्क्लेव में दी  उन्होने  बताया  बायो-गैस से भारी बाहन से लेकर टैक्ट्रर औऱ चार पहिया वाहन चल सकते है ।

उन्होंने कहा कि कम्प्रेस्ड बायोगैस एनर्जी सेक्टर के साथ-साथ कृषि के अवशेषो का बेहतर इस्तेमाल होगा इससे किसानों आमदनी के साथ-साथ शहरों को स्वस्छ वातावरण मिलेगा। उनका कहना है कि अब हमारी कोशिश है कि पराली को भी सही तरीके से इस्तेमाल किया जाय जिससे कि प्रदूषण कम हो ।

तरूण कपूर ने कहा कि मंत्रालय का लक्ष्य  उच्च क्षमता वाले कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित करने की योजना है जिससे ज्यादा ज्यादा कम्प्रेस्ड बायोगैस  का उत्पादन  हो सके । अगर हम कॉम्प्रेस्ड बायोगैस  को नेचुरल गैस के साथ मिलाते है आगे चलकर नेचुरल गैस में कॉम्प्रेस्ड बायोगैस के मिश्रण को औऱ बढाया जा सकता है। अगले कुछ साल में कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट की गति को बढाना ,भूमि अधिग्रहण ,इस योजना के लिए वित्तीय प्रबंधन जैसे चुनौतियों का तरूण कपूर ने जिक्र किया । उन्होंने ने कहा कि बायोगैस प्लांटो की स्थापना से  उद्योग के लिए अवसर भी  आएंगे । बायो गैस से लाभ के अवसरों के बारे में बात करते  हुए कपूर ने  कहा कि हमारा मंत्रालय बायो फर्टिलाइजर के क्षेत्र में कई स्टार्टअप को बढ़ावा दे रहा है। जिससे बायोगैस प्लांट का मूल्यवर्धन  होगा।

इस वर्चुअल कॉन्क्लेव में मौजूदा वक्त में स्वच्छ औऱ सस्ते ईंधन की उप्लब्धता, निवेश के अवसर, पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी के नवाचार  और भारत के गैस उत्पादन के लक्ष्य पर भी चर्चा  की गई ।

कम्प्रेस्ड बायोगैस हमारे लिए वरदान साबित हो सकती है । इसके ईंधन के रूप में इस्तेमाल से न सिर्फ पर्यावरण स्वच्छ हो पाएगा साथ ही पेट्रोलियम उत्पादों पर हमारी निर्भरता कम  हो सकेगी ।