यूपीः पहले चरण में कितने प्रत्याशी अनपढ़, किस पर राजद्रोह का मुकदमा, क्या बोले अखिलेश और प्रियंका

एडीआर के अनुसार पहले चरण के कुल उम्मीदवारों में 125 आठवीं तक पढ़े हैं, जबकि 15 का पढ़ाई-लिखाई से कोई नाता नहीं रहा है। 12 उम्मीदवारों ने अपनी पढ़ाई-लिखाई का कोई ब्योरा नहीं दिया

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है। इस चरण में प्रदेश के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। इन सीटों के लिए करीब 615 उम्मीदवार मैदान में हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार पहले चरण के कुल उम्मीदवारों में 125 आठवीं तक पढ़े हैं, जबकि 15 का पढ़ाई-लिखाई से कोई नाता नहीं रहा है।

एडीआर के मुताबिक 15 अनपढ़ उम्मीदवारों के अलावा 10 ने पांचवीं कक्षा तक, 62 ने आठवीं तक, 65 ने दसवीं तक और 102 ने 12वीं तक की पढ़ाई की है। इनके अलावा एक सौ ग्रेजुएट, 78 ग्रेजुएट प्रोफेशनल, 108 पोस्टग्रेजुएट, 18 डॉक्टरेट और 7 डिप्लोमाधारी भी हैं। मजे की बात यह है कि 12 उम्मीदवारों ने अपनी पढ़ाई-लिखाई का कोई ब्योरा नहीं दिया है। कुल उम्मीदवारों में 39 फ़ीसदी ने पांचवीं से बारहवीं के बीच पढ़ाई की है, 49 फ़ीसदी ग्रेजुएट या उससे ऊपर हैं। उम्र के लिहाज से देखा जाए तो पहले चरण में काफी युवा उम्मीदवारों को पार्टियों ने टिकट दिया है। 214 उम्मीदवारों की उम्र 25 से 40 साल के बीच और 328 की उम्र 41 से 60 साल के बीच है। 61 से 80 साल की उम्र के 73 उम्मीदवार हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा

वाराणसी जिले की पेंड्रा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के खिलाफ शनिवार को राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नफरत की भाषा का इस्तेमाल करने, चुनाव आचार संहिता तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप है। प्रशासन का कहना है कि अजय राय के खिलाफ कई शिकायतें आईं। जांच के लिए चार सदस्यों की टीम बनाई गई जिसने उन्हें दोषी पाया है। अजय राय पर आरोप है कि उन्होंने बिना अनुमति के प्रचार अभियान चलाया। राय 2017 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से लड़े थे और तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बीच आगरा में 2 फरवरी को बहुजन समाज पार्टी की रैली आयोजित करने वाले के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। आयोजकों पर कोविड-19 निर्देशों और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।

राजनाथ ने की राहुल गांधी की आलोचना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सैनिकों की वीरता और साहस पर तथाकथित रूप से सवाल उठाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की है। राहुल गांधी ने हाल ही संसद में कहा था कि लद्दाख की गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प में चीन की तुलना में भारतीय सैनिक अधिक संख्या में शहीद हुए थे। दो दिन पहले ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने दावा किया है कि उस झड़प में चीन के 38 से 50 सैनिकों की जान गई थी। राजनाथ सिंह ने कहा, राहुल गांधी चीन के अखबारों पर भरोसा करते हैं और भारतीय सैनिकों की वीरता और साहस पर सवाल उठाते हैं।

अखिलेश बोले- हमें दिल्ली भेजिए, आपकी समस्याएं खत्म करेंगे

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अलीगढ़ में लोगों से कहा कि आप हमें दिल्ली भेजिए और हम जातिगत जनगणना करवाकर आपकी समस्याओं का समाधान करेंगे। अलीगढ़ में भी पहले चरण यानी 10 फरवरी को मतदान होना है। अखिलेश ने कहा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश का माहौल बताता है कि लोगों ने भाजपा को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है और वह समाजवादी पार्टी तथा उसके सहयोगी दलों की सरकार बनाना चाहते हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वापस लिया। पहले तो सरकार इन कानूनों की तारीफ करती रही लेकिन जब चुनाव में करीब आ गए और किसान आंदोलन से हट नहीं रहे थे, तब सरकार ने उन कानूनों को वापस ले लिया।

गर्मी-चर्बी की नहीं, हम भर्ती निकालने की बात कर रहेः प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शनिवार को अलीगढ़ में थीं। वहां एक व्यक्ति के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ लोग गर्मी निकालने की और चर्बी निकालने की बात करते हैं। लेकिन हम भर्ती निकालने की बात कर रहे हैं। यहां जो युवा खड़े हैं, वे बेरोजगार हैं। प्रदेश में 12 लाख पद खाली पड़े हैं। बाद में उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया कि इस बार उन्हें वोट दीजिए जो भर्ती निकालने की बात कह रहे हैं, चर्बी निकालने वालों और गर्मी निकालने वालों को नहीं।

शिवसेना ने केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल

शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत शनिवार को लखनऊ में थे। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी 50 से 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। रावत ने प्रवर्तन निदेशालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता पर यह कहते हुए सवाल उठाए कि उनके अधिकारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीतिक पार्टी जॉइन कर रहे हैं। लखनऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शिवसेना नेता ने कहा कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों के अफसरों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ करती है और उसके बाद उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट देती है। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

योगी के खिलाफ बसपा ने ख्वाजा शमसुद्दीन को उतारा

बहुजन समाज पार्टी ने शनिवार को अपने 54 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इनमें सबसे प्रमुख ख्वाजा शमसुद्दीन हैं जो गोरखपुर शहरी सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। पार्टी के उम्मीदवार संतोष तिवारी कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ खड़े होंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बहुजन समाज पार्टी में ही थे और नंबर दो की हैसियत रखते थे। बसपा छोड़ने के बाद वे भाजपा में आए और योगी सरकार में मंत्री भी रहे। कुछ दिनों पहले ही वह भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। बसपा के इन 54 प्रत्याशियों में से 7 मुस्लिम हैं। जिन सीटों के लिए इन्हें प्रत्याशी बनाया गया है उन सीटों पर 3 मार्च को छठे चरण में मतदान होना है।