यूपी चुनावः छठे चरण में शाम 5 बजे तक 53.31 फीसदी वोटिंग, 403 में से 349 सीटों पर मतदान पूरा

इन सीटों पर कुल 676 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें 65 महिलाएं हैं। कुल वोटरों की संख्या 2.14 करोड़ है। इस चरण की चर्चित सीटों में सबसे महत्वपूर्ण गोरखपुर शहरी है जहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ रहे हैं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण में गुरुवार को शाम 5 बजे तक 53.31 फीसदी वोटिंग हुई। इस चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान हुआ। ये सभी सीटें प्रदेश के उत्तर पूर्वी इलाके में हैं। इन सीटों पर कुल 676 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें 65 महिलाएं हैं। कुल वोटरों की संख्या 2.14 करोड़ है। इसके साथ ही प्रदेश की 403 सीटों में से 349 पर चुनाव हो चुके हैं। अब सातवें चरण में 7 मार्च को 54 सीटों पर मतदान होंगे।

इस चरण की चर्चित सीटों में सबसे महत्वपूर्ण गोरखपुर शहरी है जहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी की सुभावती शुक्ला से है जो भाजपा के ही दिवंगत नेता उपेंद्र शुक्ला की पत्नी हैं। योगी आदित्यनाथ पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं लेकिन इससे पहले उन्होंने विधानसभा चुनाव कभी नहीं लड़ा। एक और महत्वपूर्ण सीट फाजिलनगर है जहां से 5 बार के विधायक और योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव के ऐलान से पहले वे भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में आ गए थे। उनके सामने भाजपा के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा हैं।

अन्य महत्वपूर्ण सीट हैं चिल्लूपार जहां से समाजवादी पार्टी के विनय शंकर तिवारी और भाजपा के राजेश त्रिपाठी और इटवा, जहां से छह बार के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे चुनाव लड़ रहे हैं, शामिल हैं। पांडे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला भाजपा के सतीश चंद्र द्विवेदी से है।

खास बात यह है कि आखिरी 2 चरणों का मतदान समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों के सहयोगी दलों के लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों ने जिन दलों के साथ समझौता किया है उनका आधार इन इलाकों में ही ज्यादा है।

2017 के विधानसभा चुनाव में इन 57 सीटों में से भाजपा को 46, समाजवादी पार्टी को दो, बहुजन समाज पार्टी को 5 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था। हालांकि उससे पहले 2012 के चुनाव में यह इलाका समाजवादी पार्टी का था। तब 57 में से 32 सीटें सपा ने जीती थीं। बसपा को 9, भाजपा को 8 तथा कांग्रेस को 3 सीटें मिली थीं। वोट प्रतिशत देखा जाए तो 2012 और 2017 में भाजपा को क्रमशः 15.87 और 37.77 फीसदी, सपा को 29.67 और 20.31 फीसदी, बसपा को 23.88 और 22.99 फीसदी तथा कांग्रेस को 10.27 और 5.84 फ़ीसदी वोट मिले थे।