वर्ष 2025 में वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड अनाज उत्पादन का अनुमान, लेकिन जोखिम बरकरारः एफएओ

वैश्विक अनाज उत्पादन 2025 में रिकॉर्ड 292.5 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। इसका कारण गेहूं, मक्का और चावल के उत्पादन में वृद्धि है। अनाज उपयोग और व्यापार में भी वृद्धि होने की संभावना है, अनाज के भंडार 88.9 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक अस्थिरता से जोखिम बना हुआ है, विशेष रूप से संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में मक्का की पैदावार और व्यापार प्रभावित हो रही है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने 2025 के लिए अपने वैश्विक अनाज उत्पादन पूर्वानुमान को लगभग 1.4 करोड़ टन बढ़ाकर 292.5 करोड़ टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसका मुख्य कारण गेहूं, मक्का और चावल उत्पादन की बेहतर संभावनाएं हैं।

FAO का जुलाई का अपडेट प्रमुख उत्पादक देशों, विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान में अपेक्षा से अधिक मजबूत पैदावार को दर्शाता है। साथ ही ब्राजील और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में फसल की संभावनाओं में भी बेहतरी हुई है। हालांकि, एफएओ ने यह चेतावनी भी दी है कि जलवायु संबंधी जोखिम और भू-राजनीतिक तनाव आने वाले वर्ष में उत्पादन और व्यापार दोनों के लिए अनिश्चितता पैदा करते रहेंगे।

गेहूं, मक्का और चावल में बेहतरी
वैश्विक गेहूं उत्पादन अब 2025 के लिए 80.53 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछले मासिक अनुमान से 0.7 प्रतिशत की वृद्धि और 2024 के स्तर से 0.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह वृद्धि मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान के आधिकारिक आंकड़ों के कारण हुई है। भारत में बेहतर पैदावार और रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना है।

मक्का सहित मोटे अनाज के लिए भी पूर्वानुमान थोड़ा बढ़ाकर 126.2 करोड़ टन कर दिया गया है, जो पिछले साल की तुलना में 3.5 प्रतिशत अधिक है। यह श्रेणी 2025 में समग्र अनाज उत्पादन में वृद्धि का मुख्य कारण बनी हुई है। यह ब्राजील में मक्का की अच्छी पैदावार के साथ-साथ भारत में मक्के का रकबा बढ़ने का परिणाम है, जहां पशु चारा और औद्योगिक उपयोगों की बढ़ती घरेलू मांग किसानों को खेती का रकबा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

हालांकि, यूक्रेन और यूरोपीय संघ में उत्पादन में गिरावट का अनुमान है। यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और शुष्क मौसम की स्थिति पैदावार को प्रभावित कर रही है, जबकि यूरोपीय संघ को कम रकबे के कारण मामूली गिरावट का सामना करना पड़ा है।

इस बीच, 2025-26 के लिए वैश्विक चावल उत्पादन 55.56 करोड़ टन (मिल्ड आधार पर) होने का अनुमान है। यह एक नया रिकॉर्ड है और इसमें साल-दर-साल एक प्रतिशत वृद्धि होगी। यह वृद्धि भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और वियतनाम से प्रेरित है। इसके विपरीत, इराक और अमेरिका के लिए चावल उत्पादन के पूर्वानुमान कम कर दिए गए हैं।

अनाज के उपयोग, स्टॉक और व्यापार में भी वृद्धि की उम्मीद 
रिकॉर्ड उत्पादन के साथ-साथ, 2025-26 में वैश्विक अनाज उपयोग 290 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2024-25 की तुलना में 0.8 प्रतिशत और पिछले महीने के पूर्वानुमान से 20 लाख टन अधिक है। उल्लेखनीय रूप से, मोटे अनाज का उपयोग 15.48 करोड़ टन होने का अनुमान है। इसमें जौ, मक्का और ज्वार की अधिक खपत होगी।

हालांकि चीन, मोरक्को और अमेरिका में मांग में कमी की उम्मीदों के कारण FAO ने अपने गेहूं उपयोग पूर्वानुमान को 40 लाख टन कम कर दिया। इस समायोजन के बावजूद, गेहूं के उपयोग में 2024-25 से 0.8 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।

भारत में बढ़ती खाद्य मांग और बढ़ते इथेनॉल उत्पादन की बदौलत वैश्विक चावल उपयोग 1.8 प्रतिशत बढ़कर 55.04 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है।

जहां तक वैश्विक अनाज भंडार की बात है, तो एफएओ को उम्मीद है कि 2025-26 के मौसम के अंत तक यह 88.91 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा। शुरुआती स्तरों की तुलना में इसमें 2.2 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह सकारात्मक संशोधन मुख्य रूप से गेहूं के भंडार के कारण है। ऑस्ट्रेलिया, चीन, पाकिस्तान, रूस और अमेरिका में अधिक भंडार के कारण यह 32.1 करोड़ टन होने का अनुमान है।

मोटे अनाज के भंडार को मुख्य उत्पादक देशों में जौ के कम स्टॉक के कारण मामूली रूप से संशोधित किया गया है। लेकिन कुल मिलाकर इसके अब भी 3.6 प्रतिशत बढ़कर 35.36 करोड़ टन होने की उम्मीद है। चावल के भंडार का अनुमान रिकॉर्ड 21.44 करोड़ टन का है। यह भारत, बांग्लादेश, इक्वाडोर और पाकिस्तान में बेहतर उत्पादन के कारण होगा।

व्यापार का परिदृश्य मिश्रित 
एफएओ का अनुमान है कि 2025-26 में वैश्विक अनाज व्यापार 1.2 प्रतिशत बढ़कर 48.69 करोड़ टन हो जाएगा। मोटे अनाज का व्यापार 0.6 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 22.66 करोड़ टन रहने की संभावना है, जबकि मक्का के निर्यात में 1.9 प्रतिशत गिरावट की उम्मीद है। यह यूक्रेन से कम आपूर्ति के कारण होगा। जौ और ज्वार के व्यापार में क्रमशः 2.8 प्रतिशत और 15.3 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है।

गेहूं के व्यापार में पिछले सीजन की तुलना में 4.0 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन में लाभ के बावजूद रूस से निर्यात की कम संभावनाओं के कारण इस महीने इसे 6 लाख टन कम कर दिया गया है। कंबोडिया और वियतनाम द्वारा अपने निर्यात परिदृश्यों को बढ़ाने के साथ अंतर्राष्ट्रीय चावल व्यापार 2025 में रिकॉर्ड 6.08 करोड़ टन तक पहुंचने वाला है, जो साल-दर-साल 2 प्रतिशत अधिक है।