वैश्विक अनाज व्यापार और भंडार में 2024-25 में गिरावट, 2025-26 में सुधार की उम्मीद: FAO रिपोर्ट

वैश्विक अनाज व्यापार और भंडार में 2024-25 में गिरावट दर्ज की गई। इसका मुख्य कारण मक्का उत्पादन में कमी और खपत में वृद्धि है। इससे वैश्विक भंडार में 2% कमी और व्यापार में 6.9% की गिरावट आई। हालांकि FAO का अनुमान है कि 2025-26 में स्थिति में सुधार होगा और अनाज उत्पादन रिकॉर्ड 291.1 करोड़ टन तक पहुंच सकता है।

वैश्विक अनाज व्यापार और भंडार में 2024-25 में गिरावट, 2025-26 में सुधार की उम्मीद: FAO रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार मार्केटिंग वर्ष 2024-25 में वैश्विक अनाज व्यापार और भंडारण में गिरावट आई है। हालांकि इसने 2025-26 में सभी प्रमुख अनाजों के रिकॉर्ड उत्पादन के साथ व्यापार बढ़ने का अनुमान जताया है। 

FAO के अनुसार 2024 में वैश्विक अनाज उत्पादन 285.3 करोड़ टन रहा, जो 2023 की तुलना में थोड़ा कम है। इसका कारण मोटे अनाज, विशेष रूप से मक्का के उत्पादन में गिरावट है। गेहूं और चावल का उत्पादन थोड़ा बढ़ा, लेकिन मक्का की कमी की भरपाई नहीं हो सकी।

रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में वैश्विक अनाज की खपत 1.2% बढ़कर 287.5 करोड़ टन हो गई, जिसका कारण मक्का, ज्वार और चावल की बढ़ती खपत है। इसके परिणामस्वरूप सीजन के अंत तक अनाज का भंडार 86.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह शुरुआती स्तर से 2% कम है। यह गिरावट मुख्यतः मक्का और जौ के भंडार में कमी के कारण है। हालांकि चावल और गेहूं के भंडार में आंशिक वृद्धि ने इसे कुछ हद तक संतुलित किया।

2024-25 में वैश्विक अनाज व्यापार में सबसे उल्लेखनीय गिरावट आई है, जो 6.9% घटकर 47.8 करोड़ टन रहने की संभावना है। इसका मुख्य कारण गेहूं और सभी प्रमुख मोटे अनाज के व्यापार में गिरावट है। इसके विपरीत चावल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ा है।

2025-26 के मौसम की बात करें तो इसमें बेहतर स्थिति की उम्मीद है। अनुमान है कि वैश्विक अनाज उत्पादन 291.1 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा, जो 2024 की तुलना में 2.1% अधिक होगा। सभी प्रमुख अनाजों में वृद्धि का अनुमान है। सबसे अधिक वृद्धि मक्का में रहेगी। इसके बाद चावल और ज्वार का स्थान होगा।

2025-26 में अनाज की खपत 0.8% बढ़कर 289.8 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। खाद्य के लिए खपत और चारे के उपयोग में वृद्धि इसका मुख्य कारण हैं। कुल वैश्विक अनाज भंडार में भी 1% की मामूली वृद्धि की संभावना है, जो 87.36 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। यह वृद्धि मुख्य रूप से मोटे अनाज के भंडार में वृद्धि के कारण होगी, जबकि गेहूं का भंडार थोड़ा कम हो सकता है।

वैश्विक अनाज व्यापार में 1.9% की आंशिक वृद्धि की उम्मीद है। यह 48.71 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। गेहूं का व्यापार 3.8% बढ़ने की संभावना है। मोटे अनाजों में भी हल्की वृद्धि संभव है। हालांकि चावल के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में 0.7% की मामूली गिरावट का अनुमान है। हालांकि इन उतार-चढ़ावों के बावजूद वैश्विक अनाज स्टॉक-टू-यूज अनुपात लगभग 29.8% पर स्थिर रहने की उम्मीद है।

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