अनाज, वनस्पति तेल और चीनी के दाम घटने से मई में वैश्विक खाद्य कीमतों में गिरावटः FAO
FAO खाद्य मूल्य सूचकांक मई 2025 में 0.8% गिर गया, जिसकी मुख्य वजह वैश्विक स्तर पर अनाज, वनस्पति तेल और चीनी की कीमतों में गिरावट रही। मक्का और गेहूं की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई, जो अच्छी फसल और कमजोर मांग के कारण हुई, जबकि चावल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी हुई। वनस्पति तेलों की कीमतों में गिरावट आई, खासकर पाम और सोया तेल की, क्योंकि आपूर्ति प्रचुर मात्रा में रही और जैव ईंधन की मांग कमजोर बनी रही।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार मई 2025 में FAO खाद्य मूल्य सूचकांक (FFPI) में मामूली गिरावट दर्ज की गई। यह सूचकांक 127.7 अंक पर रहा जो अप्रैल की तुलना में 0.8% कम है। अनाज, वनस्पति तेल और चीनी की कीमतों में गिरावट ने मांस और दुग्ध उत्पादों में हुई वृद्धि को संतुलित कर दिया। हालांकि मासिक गिरावट दर्ज की गई, लेकिन सूचकांक अब भी एक वर्ष पहले की तुलना में 6.0% अधिक है। मार्च 2022 के उच्चतम स्तर से यह 20% नीचे है।
अनाज: मक्का की कीमतों में तेज गिरावट
FAO का अनाज मूल्य सूचकांक मई में 1.8% गिरा। इसकी मुख्य वजह अर्जेंटीना, ब्राज़ील और अमेरिका में बेहतर फसल पूर्वानुमान और कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते मक्का की कीमतों में तेज गिरावट रही। गेहूं की कीमतें भी वैश्विक मांग में गिरावट और प्रमुख क्षेत्रों में बेहतर फसल परिस्थितियों के कारण घटीं। हालांकि चावल का मूल्य सूचकांक 1.4% बढ़ा, जिसकी वजह मजबूत मांग और कुछ निर्यातक देशों की मुद्राओं में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूती रही।
वनस्पति तेल: कीमतों में नरमी बरकरार
FAO का वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक मई में 3.7% गिरा। पाम, सोया, रेपसीड और सूरजमुखी तेल की कीमतों में गिरावट इसका मुख्य कारण रही। दक्षिण-पूर्व एशिया में मौसमी उत्पादन में वृद्धि के कारण पाम तेल की कीमतें लगातार दूसरे महीने तेजी से गिरीं। दक्षिण अमेरिका में आपूर्ति बढ़ने और अमेरिका में जैव ईंधन की मांग कमजोर रहने से सोया तेल की कीमतों पर भी दबाव रहा।
डेयरी: एशियाई मांग ने बढ़ाई कीमतें
डेयरी उत्पादों की कीमतों में मई में 0.8% की वृद्धि दर्ज की गई। एशिया और मध्य पूर्व से मजबूत मांग और ऑस्ट्रेलिया में दूध की आपूर्ति में कमी से मक्खन और दूध पाउडर की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया से मांग बढ़ने से चीज की कीमतों में लगातार दूसरे महीने वृद्धि हुई। हालांकि, स्किम्ड मिल्क पाउडर की कीमतों में थोड़ी (0.2%) गिरावट दर्ज की गई।
चीनी: लगातार तीसरे महीने गिरावट
चीनी की कीमतों में मई में 2.6% की गिरावट आई। इसमें लगातार तीसरे महीने गिरावट का रुख रहा है। वैश्विक मांग में कमजोरी और भारत व थाईलैंड में मानसून की जल्द शुरुआत से उत्पादन में सुधार की उम्मीदों ने कीमतों पर दबाव बनाया। इसके साथ ही वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण खाद्य और पेय उद्योगों में मांग पर प्रभाव पड़ा।
कुल मिलाकर यह गिरावट वैश्विक खाद्य बाजार में स्थिरता का संकेत देती है, लेकिन मौसमी घटनाओं, बीमारियों के प्रकोप और मांग के बदलते रुझानों के चलते अस्थिरता बनी हुई है।