ओडिशा के किसानों से दुबई तक पहुंची ताज़ा सब्जियों की पहली खेप, कृषि निर्यात को बढ़ावा

ओडिशा के कालाहांडी और नबरंगपुर जिलों के किसानों ने एफपीओ के जरिए पहली बार ताज़ा सब्जियों की खेप दुबई भेजकर राज्य के कृषि निर्यात में नया अध्याय जोड़ा है।

ओडिशा के कालाहांडी और नबरंगपुर जिलों के किसानों ने कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इन जिलों के किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने ताज़ा सब्जियों की 1,000 किलोग्राम की खेप भुवनेश्वर स्थित बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से दुबई भेजी। यह पहली बार है जब ओडिशा से एफपीओ के जरिए दुबई को ताज़ा सब्जियों का निर्यात किया गया है।

इस खेप में लहसुन और फ्रेंच बीन्स के अलावा बेबी आलू, कुंदरू, परवल और पपीता शामिल थे। सभी उत्पाद एफपीओ से जुड़े किसानों से एकत्र किए गए, जहां स्तर पर ही उनकी ग्रेडिंग और गुणवत्ता जांच की गई। अधिकारियों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ट्रेसबिलिटी और दस्तावेज़ीकरण सुनिश्चित किया गया, जो ताज़ा कृषि उत्पादों के निरंतर निर्यात के लिए आवश्यक है।

इस निर्यात को संभव बनाने में ओडिशा सरकार के उद्यान निदेशालय की अहम भूमिका रही। यह पहल किसान उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहित करने की परियोजना (PSFPO) के तहत लागू की गई। परियोजना को APEDA का सहयोग प्राप्त है और इसका क्रियान्वयन कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग तथा पैलेडियम कंसल्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की मदद से किया गया।

इस प्रक्रिया में एग्री-बिजनेस स्टार्टअप विला मार्ट प्राइवेट लिमिटेड ने एफपीओ को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई, जिससे ओडिशा से वैश्विक कृषि निर्यात के लिए एक नया रास्ता खुला। पैलेडियम ने विला मार्ट को किसानों से उपज की सोर्सिंग, तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए आवश्यक लाइसेंसिंग, सर्टिफिकेशन और नियामकीय अनुपालन से जुड़े मामलों में सहयोग प्रदान किया।

पैलेडियम कंसल्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एग्री बिज़नेस विशेषज्ञ सौम्या रंजन साहू ने कहा कि यह पहल किसानों की आजीविका को मजबूत करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक निर्यात को संभव बनाकर किसानों के लिए टिकाऊ आय के अवसर तैयार किए जा रहे हैं, साथ ही ओडिशा को अंतरराष्ट्रीय कृषि बाजार में एक प्रतिस्पर्धी राज्य के रूप में स्थापित किया जा रहा है।

वहीं, विला मार्ट के संस्थापक और सीईओ रमेश चंद्र बिस्वाल ने बताया कि अब तक कंपनी स्थानीय बाजारों पर केंद्रित थी, लेकिन दुबई को भेजी गई यह पायलट खेप वैश्विक बाजारों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

अधिकारियों के अनुसार, यह निर्यात एक पायलट परियोजना के रूप में किया गया है, ताकि खेत से लेकर हवाई अड्डे और अंतरराष्ट्रीय अनुपालन तक पूरी आपूर्ति श्रृंखला की तैयारियों को परखा जा सके। भुवनेश्वर को निर्यात गेटवे के रूप में इस्तेमाल किया जाना पूर्वी भारत में उभरते एग्री-लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में भी देखा जा रहा है। यह पहल ऐसे समय में सामने आई है, जब राज्य सरकार वैश्विक बाजारों से बेहतर जुड़ाव और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से नई कृषि निर्यात नीति पर काम कर रही है।