आम की फसल को बेमौसम बारिश और ओले गिरने से हुआ 20 फीसदी नुकसान

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (बागवानी) एके सिंह के मुताबिक, "बेमौसम हुई पहली बारिश से नुकसान नहीं हुआ लेकिन बाद में बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है। लगभग 20 फीसदी नुकसान होने का हमें अनुमान है।" उत्तर भारत में आम की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है, खासकर उत्तर प्रदेश में जो देश का प्रमुख आम उत्पादक राज्य है। एके सिंह ने कहा कि अकेले उत्तर भारत में आम की फसल का अनुमानित नुकसान लगभग 30 फीसदी है, जबकि दक्षिण भारत में नुकसान 8 फीसदी से कम है।

प्रतीकात्मक फोटो

बेमौसम बारिश, तेज हवाएं और ओले गिरने से आम की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे इस साल आम का उत्पादन घटने की आशंका जताई जाने लगी है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक नुकसान करीब 20 फीसदी हुआ है। अगर आगे भी मौसम खराब रहता है तो नुकसान बढ़ सकता है। आम उत्पादकों का भी कहना है कि ओलावृष्टि और आंधी के कारण उत्तर भारत में आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है।

आम भारत का एक महत्वपूर्ण फल है। इसे 'फलों का राजा' कहा जाता है। भारत प्रमुख आम उत्पादक देश है। विश्व के कुल आम उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 42 फीसदी है। सरकार के अनुमान के मुताबिक,  फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में आम का उत्पादन 210 लाख टन रहा। इससे पिछले फसल वर्ष 2020-21 में 203.86 लाख टन आम का उत्पादन हुआ था। पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी विक्षोभ के कारण बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने देश के कई राज्यों में गेहूं, चना, सरसों और बागवानी फसलों को काफी प्रभावित किया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (बागवानी) एके सिंह के मुताबिक, "बेमौसम हुई पहली बारिश से नुकसान नहीं हुआ लेकिन बाद में बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है। लगभग 20 फीसदी नुकसान होने का हमें अनुमान है।" उत्तर भारत में आम की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है, खासकर उत्तर प्रदेश में जो देश का प्रमुख आम उत्पादक राज्य है। एके सिंह ने कहा कि अकेले उत्तर भारत में आम की फसल का अनुमानित नुकसान लगभग 30 फीसदी है, जबकि दक्षिण भारत में नुकसान 8 फीसदी से कम है।

उत्तर प्रदेश के माल-मलिहाबाद आम क्षेत्र में ओलावृष्टि के कारण 75 फीसदी तक की क्षति हुई है। यहां का मलिहाबादी आम काफी लोकप्रिय है जिसका बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाता है। आम उत्पादकों का कहना है कि बारिश की वजह से फूल के चरण के दौरान अधिक नमी से फसल पर काली फफूंद का प्रकोप बढ़ गया है। ज्यादा नमी के कारण कुछ इलाकों में आम के पेड़ों में कीड़ों का भी प्रकोप हुआ है। यह निर्यात किए जाने वाले आमों की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा।

आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर के निदेशक टी दामोदरन ने कहा कि आंधी और ओलावृष्टि से यूपी के सीतापुर जिले की सीमा से लगे माल-मलिहाबाद क्षेत्र में 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है। हालांकि, लखनऊ, हरदोई, कुशीनगर, गोरखपुर, अलीगढ़, सहारनपुर और बाराबंकी सहित सात प्रमुख आम उत्पादक जिलों में से छह में फसल की स्थिति "बहुत अच्छी" है।