त्रिपुरा-नगालैंड में भाजपा गठबंधन की वापसी, मेघालय में एनपीपी को समर्थन का ऐलान

त्रिपुरा में जहां भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को बहुमत मिला है, वहीं नगालैंड में एनडीपीपी के नेतृत्व वाले भाजपा गठबंधन की सरकार में फिर से वापसी हुई है। मेघालय में कोनराड संगमा की एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है लेकिन बहुमत पाने से दूर रह गई। वहां भी भाजपा ने एनपीपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।

त्रिपुरा-नगालैंड में भाजपा गठबंधन की वापसी, मेघालय में एनपीपी को समर्थन का ऐलान
प्रतीकात्मक फोटो

त्रिपुरा, नगालौंड और मेघालय में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। तीनों ही राज्यों में सत्तारूढ़ दलों की फिर से वापसी हुई है। त्रिपुरा में जहां भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को बहुमत मिला है, वहीं नगालैंड में एनडीपीपी के नेतृत्व वाले भाजपा गठबंधन की सरकार में फिर से वापसी हुई है। मेघालय में कोनराड संगमा की एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है लेकिन बहुमत पाने से दूर रह गई। वहां भी भाजपा ने एनपीपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वसरमा ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है। हालांकि, पहले भी दोनों दलों का गठबंधन था लेकिन चुनाव में दोनों पार्टियों ने बिना गठबंधन के अलग-अलग चुनाव लड़ा था। त्रिपुरा में पहली बार चुनाव लड़ रही वहां के महाराजा प्रद्योत विक्रम की पार्टी टिपरा मोथा यानी त्रिपुरा इंडीजेनस प्रोग्रेसिव रीजनल अलायंस ने 13 सीटों पर जीत हासिल कर सबको चौंका दिया है।

चुनाव आयोग की ओर से जारी नतीजों के मुताबिक, त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से बीजेपी आईपीएफटी गठबंधन ने 33 सीटों पर जीत हासिल की है। इनमें से 32 सीटें बीजेपी को और आईपीएफटी को 1 सीट मिली है। कांग्रेस और वामपंथी गठबंधन 14 सीटों (माकपा-11, कांग्रेस-3) पर और टिपरा मोथा पार्टी 13 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है। नागालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन ने जोरदार वापसी की है। यहां की 60 सीटों में से 59 सीटों पर चुनाव हुए थे जिसमें से सत्तारूढ़ गठबंधन को 37 सीटें मिली हैं। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की पार्टी एनडीपीपी को 25 और भाजपा को 12 सीटें मिली हैं। नागालैंड की जनता ने इस बार इस गठबंधन को पिछली बार की तुलना में कहीं ज्यादा समर्थन दिया है। नागालैंड में 27 फरवरी को हुए चुनाव में 85.90 फीसदी मतदाताओं ने मत डाले थे। यहां के चुनावी मैदान में 183 उम्मीदवार थे। एनडीपीपी ने 40 पर और भाजपा ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था। यहां कांग्रेस के 7, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के 5 और 4 निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे हैं। जबकि एनपीएफ, लोजपा (रामविलास) और आरपीआई (आठवले) ने 2-2 सीटों पर और जदयू ने 1 सीट जीत दर्ज की है।    

मेघालय की 59 विधानसभा सीटों के लिए बहुमत का जादुई आंकड़ा 30 है जिसे छूने से नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) दूर रह गई है। 26 सीटों के साथ एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और उसे भाजपा ने समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने यहां 2 सीटें जीती हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्वीट कर बताया है कि कोनराड संगमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन कर नई सरकार बनाने के लिए समर्थन और आशीर्वाद मांगा था। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने बताया है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  जेपी नड्डा ने पार्टी की प्रदेश इकाई को अगली सरकार बनाने में एनपीपी का समर्थन करने का निर्देश दिया है। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी ने 11 और कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस ने 5-5 सीटों पर कब्जा जमाया है। वॉयस ऑफ दि पीपुल पार्टी (वीपीपी) ने 4 सीटें, पीडीएफ, एचएसपीडीपी और निर्दलीय ने 2-2 सीटें जीती हैं।

चुनावी नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों राज्यों की जनता को धन्यवाद दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि त्रिपुरा और नगालैंड में बीजेपी गठबंधन को राज्य की सेवा करने के लिए एक और जनादेश का आशीर्वाद देने के लिए लोगों का धन्यवाद देता हूं। डबल इंजन की सरकार प्रदेश की प्रगति के लिए काम करती रहेगी। उन्होंने अपने ट्वीट में पार्टी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा है कि उनकी कड़ी मेहनत से ही यह परिणाम सुनिश्चित हुआ। एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह उन सभी लोगों के आभारी हैं जिन्होंने मेघालय में भाजपा का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘हम मेघालय के विकास पथ को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे और राज्य के लोगों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’

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