बढ़ती कीमतों का असर, सरकार ने पहली बार प्याज पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई

पिछले कुछ दिनों में प्याज की बढ़ती कीमतों के बाद घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर 40% ड्यूटी लगा दी है। यह ड्यूटी फिलहाल दिसंबर तक लगाई गई है। प्याज पर पहली बार एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार शनिवार को दिल्ली में इस कमोडिटी की कीमत 37 रुपए प्रति किलो पहुंच गई थी। हालांकि राजधानी के रिहायशी इलाकों में खुदरा विक्रेता इसे 40 से 50 रुपए किलो के भाव बेच रहे हैं।

गेहूं और चावल के बाद अब प्याज की बारी है। पिछले कुछ दिनों में प्याज की बढ़ती कीमतों के बाद घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर 40% ड्यूटी लगा दी है। यह ड्यूटी फिलहाल दिसंबर तक लगाई गई है। प्याज पर पहली बार एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार शनिवार को दिल्ली में इस कमोडिटी की कीमत 37 रुपए प्रति किलो पहुंच गई थी। हालांकि राजधानी के रिहायशी इलाकों में खुदरा विक्रेता इसे 40 से 50 रुपए किलो के भाव बेच रहे हैं।

वित्त मंत्रालय ने एक कस्टम नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है। मौजूदा वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 4 अगस्त तक 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है। भारत से मुख्य रूप से तीन देशों बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात को प्याज का निर्यात किया गया।

उपभोक्ता मामले मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने, खासकर त्योहारी सीजन को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्याज निर्यात में काफी बढ़ोतरी भी देखने को मिली है। हालांकि सरकार के इस कदम को आसन्न विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। अभी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले सरकार महंगाई को नियंत्रण में रखना चाहती है। जुलाई में खुदरा महंगाई दर 7.44% पर पहुंच गई थी जो 15 महीने में सबसे ज्यादा है।

अभी तक प्याज निर्यात पर अंकुश लगाने के लिए सरकार न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) का रास्ता अपनाती रही है। पहली बार इस पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को देशभर में प्याज की खुदरा कीमतों का औसत 30.72 रुपए प्रति किलो था। देश में इसकी सबसे अधिक कीमत 63 रुपए और सबसे कम कीमत 10 रुपए प्रति किलो थी।

दिल्ली में औसत कीमत शनिवार को 37 रुपए प्रति किलो थी। हालांकि ट्रेड के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में खुदरा बाजार में प्याज 50 रुपए किलो तक के भाव बिक रहा है। मौजूदा खरीफ सीजन में प्याज की फसल पिछड़ने की खबरों के बीच इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। जुलाई के थोक महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक प्याज की महंगाई दर 7.13% रही थी जबकि जून में यह (-)4.31% थी।

सरकार ने इस साल तीन लाख टन प्याज का बफर स्टॉक रखा है। पिछले सप्ताह से सरकार ने प्रमुख शहरों के थोक बाजारों में इसकी बिक्री शुरू की है। सचिव ने बताया कि अभी तक दिल्ली, असम, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की थोक मंडियों में बफर स्टॉक से 2000 टन प्याज की बिक्री की गई है। बफर स्टॉक से प्याज का इस्तेमाल आमतौर पर अगस्त और सितंबर में बाजार हस्तक्षेप के तहत किया जाता है। अक्टूबर से प्याज की नई फसल आने लगती है।