प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रबी सीजन 2025-26 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पी एंड के) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी गई। इस निर्णय से किसानों को डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और एनपीकेएस (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर) ग्रेड सहित अन्य उर्वरक सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे।
सरकार के अनुसार, रबी 2025-26 के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए लगभग ₹37,952.29 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है, जो खरीफ 2025 की तुलना में करीब ₹736 करोड़ अधिक है। इस कदम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के बीच किसानों को राहत देना और उनकी उत्पादन लागत को संतुलित रखना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय उर्वरकों की समय पर और सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, जिससे किसानों को बुवाई के दौरान किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। सरकार ने बताया कि हाल के महीनों में यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर जैसे उर्वरकों की वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए सब्सिडी दरों को युक्तिसंगत बनाया गया है।
देशभर में किसानों को वर्तमान में 28 ग्रेड के फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरक, जिसमें डीएपी शामिल है, सब्सिडीयुक्त दरों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह व्यवस्था 1 अप्रैल 2010 से लागू पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत संचालित है।
सरकार ने कहा कि किसान हितैषी दृष्टिकोण के तहत वह पी एंड के उर्वरकों को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। अनुमोदित एनबीएस दरों के अनुसार उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि यह लाभ सीधे किसानों तक पहुंच सके।