वनस्पति तेलों के नए रेगुलेशन ऑर्डर का ड्राफ्ट जारी, 11 जुलाई तक मांगे सुझाव

इस नए रेगुलेशन ऑर्डर के जरिए सरकार देश में वनस्पति तेलों के उत्पादन, उपलब्धता और आपूर्ति व्यवस्था में जरूरी सुधार लाना चाहती है।

भारत सरकार वनस्पति तेलों से जुड़े नियम-कायदों में व्यापक बदलाव लाने जा रही है। इसके लिए ‘वेजिटेबल ऑयल प्रोडक्ट्स, प्रोडक्शन एंड अवेलेबिलिटी (रेगुलेशन) ऑर्डर, 2025’ का ड्राफ्ट जारी किया गया है और संबंधित पक्षों से 11 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं। इस नए रेगुलेशन ऑर्डर के जरिए सरकार देश में वनस्पति तेलों के उत्पादन, उपलब्धता और आपूर्ति व्यवस्था में जरूरी सुधार लाना चाहती है।

यह मसौदा 2011 में लागू हुए मौजूदा रेगुलेशन ऑर्डर का स्थान लेगा। इसे खाद्य तेलों के उत्पादन, गुणवत्ता और आपूर्ति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। मंत्रालय का मानना है कि तेल उद्योग में तकनीकी प्रगति और अन्य बदलावों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा नियमों में व्यापक संशोधन की आवश्यकता है।

हालांकि, उद्योग से जुड़े कुछ सूत्रों का मानना है कि नए रेगुलेशन ऑर्डर से खाद्य तेल उद्योग पर सरकारी निगरानी बढ़ेगी और इससे 'इंस्पेक्टर राज' को बढ़ावा मिलने की आशंका है।

वहीं, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का कहना है कि वनस्पति तेल क्षेत्र में पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से VOPPA रेगुलेशन, 2025 का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। मंत्रालय ने इस पर उद्योग से सुझाव आमंत्रित किए हैं, और उनसे प्राप्त फीडबैक के आधार पर अंतिम मसौदे को अगले महीने तक लागू किया जा सकता है।

गौरतलब है कि भारत में खाद्य तेलों की मांग लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में देश अपनी ज़रूरत का लगभग 55–60 प्रतिशत खाद्य तेल आयात करता है। इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार ने हाल के वर्षों में राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन जैसी योजनाएं शुरू की हैं।