रामलीला मैदान में एसकेएम ने दिखाई एकजुटता; देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की किसान-मजदूर महापंचायत में आज बड़ी तादाद में देश भर से आए किसान जुटे। इस महापंचायत को ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन दिया। एसकेएम ने भाजपा की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।

दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की किसान-मजदूर महापंचायत में आज बड़ी तादाद में देश भर के किसान जुटे। इस महापंचायत को ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन दिया था। एसकेएम ने भाजपा की नीतियों की आलोचना करते हुए देश भर में संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।  भाजपा के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की अपील 

लंबे समय बाद संयुक्त किसान मोर्चा के तमाम बड़े नेता एक मंच पर नजर आए। एसकेएम के नेताओं ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। किसान नेताओं ने हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ दमनकारी कार्रवाई की निंदा की। 

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान से किसानों ने सरकार को संदेश दिया है कि देश का किसान एकजुट है। सरकार किसानों से बात करे और उनकी समस्या का समाधान निकाले। किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारे आंदोलन चलेंगे। 

संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान-मजदूर महापंचायत में देश के सभी तबकों के लोगों से केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट, सांप्रदायिक, तानाशाही नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया तथा भाजपा के खिलाफ देशव्यापी जन आंदोलन खड़ा करने की अपील की।  

 

एसकेएम ने सभी फसलों के एमएसपी के बारे में 9 दिसंबर 2021 को हुए समझौते को लागू नहीं करने को लेकर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। किसान नेताओं ने भाजपा द्वारा लखीमपुर खीरी से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को उम्मीदवार बनाए पर सवाल उठाते हुए सरकार पर टेनी को बचाने का आरोप लगाया। एसकेएम ने वर्ष 2014-2022 के बीच एक लाख से ज्यादा किसानों की आत्महत्या के बावजूद किसानों के लिए व्यापक ऋण माफी योजना लागू नहीं करने को लेकर भी मोदी सरकार की आलोचना की। 

खनौरी बॉर्डर पर किसान शुभकरण सिंह की हत्या और किसानों के दमन को लेकर एसकेएम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे और पुलिस गोलीबारी की न्यायिक जांच की मांग की है। एसकेएम ने कॉरपोरेट लूट से किसानों की रोजी-रोटी को बचाने तथा देश के लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की रक्षा का आह्वान भी किया। धनबल और बाहुबल के खतरे के खिलाफ एसकेएम 23 मार्च 2024 को देश भर के गांवों में 'लोकतंत्र बचाओ' दिवस मनाएगा।

किसान मजदूर महापंचायत को किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां, गुरनाम सिंह चढूनी, बलबीर सिंह राजेवाल, हरमीत सिंह कादियान, हरेंद्र सिंह लाखोवाल, कुलवंत संधू, सुरेश कौथ, तजिंदर सिंह विर्क, राजाराम सिंह, डॉ. दर्शनपाल, विजू कृष्णन, अविक साहा और राकेश टिकैत के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर सहित कई किसान नेताओं ने संबोधित किया।