केंद्र सरकार 15 सहकारी चीनी मिलों को कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट और पोटाश ग्रैन्यूल निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) के जरिए सहायता प्रदान करेगी। रविवार को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के कोपरगाव में देश के पहले सहकारी मल्टी-फीड कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह ऐलान किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत के सहकारी चीनी मिलों के इतिहास में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट और पोटाश ग्रैन्यूल निर्माण इकाई की शुरुआत पहली बार सहकार महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी साखर कारखाने में हो रही है। यह नई शुरुआत आने वाले दिनों में देशभर के चीनी मिलों के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त करेगी। देश की 15 चुनिंदा सहकारी चीनी मिलों को केंद्र सरकार एनसीडीसी के माध्यम से सीबीजी और पोटाश निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए हरसंभव प्रोत्साहन देगी। ये प्रयास देश के किसान को “अन्नदाता से ऊर्जादाता” बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगे।
सहकार महर्षि शंकरराव कोल्हे द्वारा 1960 में गोदावरी नदी के पास स्थापित संजीवनी सहकारी चीनी मिल ने सहकारिता के इतिहास में नया अध्याय जोड़ा है। अब यह मिल गन्ने से सीबीजी उत्पादन के साथ-साथ पोटाश खाद का निर्माण भी करेगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा परिवर्तन होने की उम्मीद है। भारत का पहला गन्ना-आधारित इथेनॉल संयंत्र भी यहीं स्थापित किया गया था।
सहकारी नेतृत्व वाली औद्योगिक इकाई संजीवनी ग्रुप एवं शंकरराव कोल्हे सहकारी साखर कारखाना द्वारा इस परियोजना पर लगभग 55 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। यह सीबीजी संयंत्र प्रतिदिन 12 टन सीबीजी और 75 टन पोटाश का उत्पादन करेगा। इससे लगभग 1 लाख 10 हजार लीटर पेट्रोल की बचत का अनुमान है। अमित शाह ने कहा कि ये दोनों उत्पाद भारत विदेशों से आयात करता है। इस शुरुआत से हम स्वदेशी की ओर बढ़कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा सकेंगे।
चक्रीय अर्थव्यवस्था का उदाहरण
संजीवनी मिल के युवा अध्यक्ष विवेक कोल्हे की पहल की सराहना की करते हुए अमित शाह ने कहा कि मिल ने चक्रीय अर्थव्यवस्था का एक सफल उदाहरण प्रस्तुत किया है। गन्ना से अब चीनी, इथेनॉल, अल्कोहोल, बिजली के साथ सीबीजी और पोटॅश जैसे बाय प्रॉडक्ट के उत्पादन से किसानों लाभ हो रहा है। मिल ने सीबीजी की बिक्री के लिए गेल, इंडियन ऑयल, बीपीसीएल, इफको, कृफको और राष्ट्रीय केमिकल फर्टिलाइज़र के साथ अनुबंध किए हैं।
शाह ने कहा कि सहकारी चीनी कारखानों की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी, और चीनी कारखानों में चक्रीय अर्थव्यवस्था को लागू करने की शुरुआत भी यहीं से हो रही है। यह सहकारी और प्राइवेट सभी चीनी मिलों के लिए एक मिसाल बनना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार को इसमें सहयोग करना चाहिए और भारत सरकार भी एनसीडीसी के माध्यम से मदद करेगी। शाह ने इथेनॉल संयंत्रों को बहुआयामी बनाने और फलों की प्रोसेसिंग करने पर भी जोर दिया।
केंद्र सरकार किसानों के साथ: अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शिरडी दौरे में किसानों और फसलों को अतिवृष्टि से हुई क्षति का जायजा भी लिया। उन्होंने राज्य सरकार को नुकसान का पूरा ब्यौरा केंद्र सरकार को भेजने को कहा है ताकि जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इस बार महाराष्ट्र में किसानों की 60 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि और फसल भारी वर्षा से बरबाद हो गई है। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ खड़ी है और राज्य सरकार से पूरा ब्यौरा मिलते ही हरसंभव सहायता की जाएगी।
अमित शाह ने महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल सहकारी चीनी कारखाने की विस्तारित क्षमता का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल व पद्मभूषण बालासाहेब विखे पाटिल की प्रतिमाओं का अनावरण भी किया। डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल ने साढ़े सात दशक पूर्व 500 टन गन्ना प्रतिदिन की क्षमता के साथ जिस चीनी कारखाने की स्थापना की थी, आज वह 7200 TCD तक पहुंच गया है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी उपस्थित रहे। फडणवीस ने कहा कि संजीवनी सहकारी चीनी मिल का मल्टीफीड सीबीजी प्लांट देश भर की चीनी मिलों के लिए एक मॉडल है जिसे अन्य चीनी मिलों को भी अपनाना चाहिए।