यूक्रेन संकट के बाद चीनी उद्योग इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने पर कर रहा है विचार

यूक्रेन संकट के चलते कच्चे तेल के दाम तो बढ़े ही हैं, आने वाले दिनों में इसकी सप्लाई भी बाधित होने की आशंका है। इसलिए इथेनॉल डिस्टलरी उत्पादन बढ़ाने पर विचार कर रही हैं

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 110 डॉलर और भारतीय बास्केट की 100 डॉलर प्रति बैरल को पार करने के बाद उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने पर विचार कर रही हैं, ताकि पेट्रोल और डीजल में उनका मिश्रण (ब्लेंडिंग) बढ़ाया जा सके। कच्चे तेल के दामों में यह बढ़ोतरी यूक्रेन रूस के हमले के बाद हुई है। हालांकि दाम पहले भी बढ़ रहे थे लेकिन इस हमले के बाद अचानक इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है।

उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा इथेनॉल उत्पादक राज्य है। यहां इसकी उत्पादन की स्थापित क्षमता 1.75 अरब लीटर है। मौजूदा वर्ष में राज्य का लक्ष्य ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को ब्लेंडिंग के लिए 1.58 अरब लीटर एथेनॉल सप्लाई करने का है। अभी पेट्रोल और डीजल में इथेनॉल ब्लेंडिंग 10 फ़ीसदी के आसपास है और इसे 2025 तक 20 फ़ीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है।

यूक्रेन संकट के चलते कच्चे तेल के दाम तो बढ़े ही हैं, आने वाले दिनों में इसकी सप्लाई भी बाधित होने की आशंका है। इसलिए इथेनॉल डिस्टलरी उत्पादन बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। नाम जाहिर न करने की शर्त पर चीनी उद्योग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के इथेनॉल उत्पादकों को उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी गई है ताकि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की तरफ से ब्लेंडिंग की डिमांड आने पर उसे पूरा किया जा सके।

उन्होंने बताया कि ब्लेंडिंग के मकसद से इथेनॉल की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश में पर्याप्त कच्चा माल है और मिलों के पास पर्याप्त क्षमता भी है। घरेलू इथेनॉल सप्लाई में उत्तर प्रदेश की बड़ी हिस्सेदारी है और अगर डिस्टलरी सप्लाई बढ़ाने में सफल रहती हैं तो उनके साथ साथ गन्ना किसानों को भी फायदा होगा।

भारत में एथेनॉल मुख्य रूप से गन्ने के रस या शीरे से बनाया जाता है। घरेलू बाजार में इथेनॉल की कीमत कच्चे माल के आधार पर 46 से 63 रुपए प्रति लीटर होती है। हालांकि इथेनॉल कृषि अपशिष्ट से भी बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार इथेनॉल सप्लाई चेन मजबूत करने की बात कह चुके हैं ताकि तेल आयात बिल कम किया जा सके और किसानों को भी उचित तथा समय पर भुगतान हो सके।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 2 अरब लीटर और फिर 2.25 अरब लीटर करने का लक्ष्य रखा है। इस बीच ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने जो 95 करोड लीटर इथेनॉल के लिए निविदा निकाली उसमें खासकर चीनी मिलों ने 39 करोड़ लीटर इथेनॉल की सप्लाई करने की बात कही है। 2021-22 के इथेनॉल सप्लाई वर्ष में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने अभी तक अलग-अलग स्रोतों से 3.85 अरब लीटर इथेनॉल का आवंटन किया है।