गेहूं बुवाई के रकबे में आई कमी, 308.60 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा

देश के कुछ इलाकों में गेहूं की बुवाई में देरी के चलते चालू रबी सीजन में 22 दिसंबर तक गेहूं का रकबा घटकर 308.60 लाख हेक्टेयर रह गया है। पिछले सीजन की इसी अवधि में 314.40 हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बुवाई हुई थी। हालांकि, गेहूं की बुवाई अभी जारी और अपने अंतिम चरण में है।

देश के कुछ इलाकों में गेहूं की बुवाई में देरी के चलते चालू रबी सीजन में 22 दिसंबर तक गेहूं का रकबा घटकर 308.60 लाख हेक्टेयर रह गया है। पिछले सीजन की इसी अवधि में 314.40 हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बुवाई हुई थी। हालांकि, गेहूं की बुवाई अभी जारी और अपने अंतिम चरण में है।

पिछले साल तापमान में बढ़ोतरी की वजह से गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ था। इसे देखते हुए सरकार ने चालू सीजन में जलवायु अनुकूल गेहूं की किस्मों की बुवाई 60 फीसदी रकबे में करने का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय कृषि आयुक्त पीके सिंह के मुताबिक, इस लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है।

पीके सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश के कुछ हिस्सों में जहां धान की कटाई में देरी हुई है, वहां गेहूं की बुवाई में देरी हुई है। इस वजह से गेहूं की बुवाई के रकबे में कमी आई है। गेहूं की बुआई अच्छी चल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले साल गेहूं किसानों को मौसम में अचानक परिवर्तन और तापमान में वृद्धि की समस्या का सामना करना पड़ा। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस साल जलवायु अनुकूल गेहूं की किस्मों को बढ़ावा दिया है और कुल रकबे के 60 फीसदी को कवर करने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने बताया कि हमने लक्ष्य पार कर लिया है। अब तक 60 फीसदी से अधिक रकबे में गर्मी प्रतिरोधी किस्मों को बोया गया है। पिछले साल इन किस्मों को 45 फीसदी क्षेत्र में बोया गया था। अगर मार्च-अप्रैल 2024 में तापमान सामान्य से ज्यादा रहता है तो इन किस्मों की बुवाई से उत्पादन प्रभावित होने की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।

मार्च 2022 में तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की वजह से उत्तर और मध्य भारत के गेहूं उत्पादक राज्यों में पैदावार प्रभावित हुई थी। कृषि आयुक्त ने कहा कि किसानों को गर्मी से निपटने के लिए पहले से तैयार करने के तहत सरकार ने साप्ताहिक वैज्ञानिक सलाह जारी करना शुरू कर दिया है। इसमें उन्हें बताया जाएगा कि विकास के विभिन्न चरणों और मौसम की स्थिति में फसल की देखभाल कैसे करें।

उन्होंने कहा, ''पहले हम पाक्षिक आधार पर सलाह जारी करते थे, लेकिन इस साल हम किसानों को पहले से तैयार करने के लिए इसे साप्ताहिक कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि जागरूकता पैदा करने और किसानों को संभावित परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार करने से उत्पादन संबंधी चिंताओं को दूर करने में मदद मिलेगी।

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुवाई का रकबा 2023-24 रबी सीजन के 22 दिसंबर तक बढ़कर 94.4 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 92.9 लाख हेक्टेयर था। हालांकि, मध्य प्रदेश में गेहूं बुवाई का रकबा घटकर 81.7 लाख हेक्टेयर रह गया है, जो पिछले साल इसी अवधि में 83.9 लाख हेक्टेयर था। पंजाब और हरियाणा में इस रबी सीजन में 22 दिसंबर तक गेहूं की बुवाई का रकबा पिछले साल के समान स्तर क्रमशः 34.9 लाख हेक्टेयर और 23.1 लाख हेक्टेयर रहा है।