दुबई एक्सपोर्ट हुआ उत्तराखंड का गढ़वाली सेब, देहरादून में खुलेगा एपीडा का ऑफिस

एपीडा के सहयोग से पौड़ी का सेब उत्पादक अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचेगा, पहली परीक्षण खेप में 1.2 टन गढ़वाली सेब दुबई रवाना

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में खिर्सू के आस-पास उगने वाले किंग रोट किस्म का सेब अपने कुरकुरेपन, स्वाद और प्राकृतिक मिठास के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन सेब उत्पादक किसानों के सामने बाजार तक पहुंच का संकट रहता है। ऐसे में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), पौड़ी के सेब उत्पादक किसानों के लिए मददगार बनकर आया है। एपीडा ने 1.2 टन किंग रोट (गढ़वाली सेब) की पहली परीक्षण खेप दुबई के लिए रवाना की है। सब कुछ ठीक रहा तो गढ़वाली सेब दुबई के बाजार में बिकता नजर आएगा। 

देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने दुबई के लिए गढ़वाली सेब (किंग रोट किस्म) की पहली परीक्षण खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि इस परीक्षण खेप के जरिए कोल्ड स्टोरेज मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक ढांचे को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त होंगे। इसके बाद आने वाले वर्षों में निर्यात गंतव्य को दक्षिण-पूर्व एशिया और यूरोप तक भी विस्तारित किए जाने की संभावना है। भारत सरकार गढ़वाली सेब जैसे विशिष्ट उत्पादों के जरिए देश की कृषि-निर्यात टोकरी में विविधता लाने का प्रयास कर रही है।

इस अवसर पर एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव, उत्तराखंड सरकार की अपर सचिव झरना कमठान, सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट्स के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान और सेब उत्पादक किसान शामिल हुए।

पौड़ी में सेब उत्पादन
उत्तराखंड में सेब का सालाना उत्पादन करीब 64 हजार टन होता है। इसमें पौड़ी जिले में अभी मात्र एक हजार टन ही सेब होता है। उत्तराखंड में सर्वाधिक सेब उत्तरकाशी जिले में होता है, जहां लगभग लगभग 4875 हेक्टेयर क्षेत्रफल में करीब 26 हजार टन सेब उत्पादन होता है। पौड़ी में मुख्य रूप से खिर्सू की पहाड़ियों पर ही सेब उत्पादन होता है। 

लुलु समूह के साथ किया एमओयू
एपीडा के मुताबिक, सेब से शुरू करते हुए आने वाले समय में उत्तराखंड से बासमती चावल, मोटे अनाज, राजमा, मसाले, सुगंधित पौधे, शहद, सेब, कीवी, आम, लीची, आड़ू, सेम, मटर, करेला, आलू जैसे उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है। क्षेत्रीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय रिटेल चेन से जोड़ने के लिए लुलु समूह के साथ एमओयू भी किया गया है।

देहरादून में खुलेगा एपीडा का ऑफिस  

उत्तराखंड से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए देहरादून में एपीडा का क्षेत्रीय कार्यालय खुलेगा। पटना और रायपुर में भी एपीडा के ऑफिस खोले जाएंगे। एपीडा उत्तराखंड के विशिष्ट उत्पादों को जैविक प्रमाणन और जीआई टैगिंग की सुविधा भी उपलब्ध करा रहा है। वर्तमान में, एपीडा के बेंगलुरु, श्रीनगर, जम्मू, लद्दाख, गुवाहाटी, मुंबई, वाराणसी, कोच्चि और भोपाल सहित 16 क्षेत्रीय कार्यालय हैं।

उत्तराखंड से कृषि निर्यात बढ़ाने पर जोर 
वित्त वर्ष 2024–25 के दौरान, देश से एपीडा के दायरे में आने वाले उत्पादों का निर्यात 2.43 लाख करोड़ रुपये का रहा, जिसमें उत्तराखंड का योगदान सिर्फ 201 करोड़ रुपये का रहा। उत्तराखंड से मुख्य रूप से गुड़, कन्फेक्शनरी का ही निर्यात होता है। अब ताजे फलों, मोटे अनाज और जैविक उत्पादों के निर्यात के प्रयास किए जा रहे हैं।