हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का विवाद सुलझाने के लिए 4 सदस्य कमेटी गठित, तीन मंत्री शामिल

शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा, लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और नलवा से विधायक रणधीर पनिहार की यह कमेटी छात्रों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनेगी और उचित समाधान सुनिश्चित करेगी

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में छात्रों और प्रशासन के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने चार सदस्यों की कमेटी गठित की है। शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा समेत चार सदस्य छात्रों से बात कर रिपोर्ट देंगे। उधर, छात्रों ने उनके साथ हुई मारपीट और विभिन्न मांगों को लेकर परीक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है और कई दिनों से धरने पर बैठे हैं।   

राज्य सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस कमेटी में शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा, लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और नलवा से विधायक रणधीर पनिहार को शामिल किया गया है। यह कमेटी छात्रों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनेगी और उचित समाधान सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार छात्रों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। सरकार हर स्तर पर युवाओं व छात्रों के साथ खड़ी है। 

क्या है मामला? 

स्कॉलरशिप में कटौती को लेकर विश्वविद्यालय के छात्र गत 10 जून को कुलपति को ज्ञापन देने पहुंचे थे। आरोप है कि गेट पर सुरक्षा गार्ड ने छात्रों को रोका और उनके साथ मारपीट की। इस घटना के विरोध में छात्र रात को कुलपति आवास के बाहर धरना देने लगे तो सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें दोबारा खदेड़ दिया और लाठी-डंडों से हमला किया। इस दौरान 20 से ज्यादा छात्र घायल हो गये और कई छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

छात्रों की शिकायत पर पुलिस ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और सिक्योरिटी इंचार्ज सहित कई लोगों पर केस दर्ज किया और लाठीचार्ज के मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर राधेश्याम को गिरफ्तार कर लिया। छात्रों ने चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर समेत 17 प्रोफेसरों के खिलाफ मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इन शिक्षकों पर प्रताड़ित करने व धमकाने का आरोप लगाया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी 19 छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।

24 जून को छात्र महापंचायत 

आंदोलनकारी छात्रों ने 24 जून को हिसार में छात्र महापंचायत करने का ऐलान किया है। विश्वविद्यालय की ओर से भी छात्रों से बातचीत के लिए एक कमेटी बनाई थी, लेकिन छात्रों ने इस कमेटी से बात करने से इंकार कर दिया था। आंदोलनकारी छात्रों को विपक्षी दलों, छात्र संगठनों और विधायकों का खूब समर्थन मिल रहा है। मामला के तूल पकड़ने के बाद अब मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। हालांकि, छात्र आरोपियों की बर्खास्तगी और स्कॉलरशिप बहाल करने की मांग पर अड़े हैं।