हांसी बना हरियाणा का 23वां जिला, जानिए कौन-कौन से इलाके होंगे शामिल

हांसी जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल लगभग 1,34,976 हेक्टेयर होगा, जबकि अनुमानित जनसंख्या करीब 5,40,994 बताई गई है। नए जिले के गठन के बाद हरियाणा में कुल जिलों की संख्या बढ़कर 23 हो जाएगी।

हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए हांसी को राज्य का 23वां जिला बनाने की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर औपचारिक मुहर लगाई गई।

राज्य पुनर्गठन समिति की ओर से विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में 9 दिसंबर को हुई बैठक में जिले के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे बाद में मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान की।

नए जिले में हांसी और नारनौंद विधानसभा क्षेत्रों के 110 गांव शामिल होंगे, जो वर्तमान में हिसार जिले का हिस्सा हैं। प्रशासनिक ढांचे के रूप में प्रस्तावित जिले में दो उपमंडल—हांसी और नारनौंद—स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही तीन तहसीलें हांसी, नारनौंद और बास तथा एक उप-तहसील खेड़ी जालब भी नए जिले में शामिल होंगे। ग्रामीण विकास के लिए तीन ब्लॉक हांसी-1, हांसी-2 और नारनौंद बनाए जाएंगे।

जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल लगभग 1,34,976 हेक्टेयर होगा, जबकि अनुमानित जनसंख्या करीब 5,40,994 बताई गई है। हांसी जिले के गठन के बाद राज्य में कुल जिलों की संख्या बढ़कर 23 हो जाएगी।

राज्य सरकार के अनुसार, नए जिले के गठन से नागरिक-केंद्रित सेवाओं तक पहुंच और सरल होगी तथा सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में गति और पारदर्शिता बढ़ेगी। प्रशासनिक दक्षता, अंतर-विभागीय समन्वय और लोगों को समयबद्ध सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हिसार के उपायुक्त की ओर से यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था।

हांसी और नारनौंद विधानसभा क्षेत्रों के तहत आने वाले 110 गांवों में हांसी शहर, नारनौंद, सिसाय बोला, सुल्तानपुर, मिर्चपुर, पुट्ठी मंगलखां, सिंधर, बास अकबरपुर, खरबला, बुडाना, जमावड़ी, गामड़ा, रामपुरा, उगालन, उमरा सहित अन्य गांव शामिल होंगे।

सरकार का दावा है कि इस निर्णय से क्षेत्र में विकास कार्यों को नई गति मिलेगी और स्थानीय निवासियों को प्रशासनिक सुविधाएं अब पहले से अधिक निकट और सुगम होंगी। बताते चलें कि हांसी ऐतिहासिक महत्व वाला क्षेत्र है और इसे जिला स्तर पर उन्नत करना लंबे समय से स्थानीय मांग रही है।

इस कदम को प्रदेश के प्रशासनिक पुनर्गठन और स्थानीय विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हांसी कभी कपास उद्योग का बड़ा केंद्र रहा। जिला बनने से व्यापार, निवेश और रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।