महाराष्ट्र में कर्जमाफी को लेकर चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है। किसानों की कर्जमाफी पर सुझाव देने के लिए राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो छह महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर किसानों की कर्जमाफी पर 30 जून 2026 तक निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह बात किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों से किया वादा निभाने का संकल्प लिया है और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू ने किसानों को तत्काल राहत की मांग करते हुए सरकार से स्पष्ट समयसीमा तय करने को कहा था। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि जून 2026 तक निर्णय ले लिया जाएगा और इस बीच किसानों को अन्य राहत योजनाओं का लाभ मिलेगा। किसान प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सांसद राजू शेट्टी, पूर्व मंत्री महादेव जानकर, वामनराव चटप, रवीकांत तुपकर, और अजित नवले सहित अन्य नेता शामिल थे।
राज्य सरकार ने 9 सदस्य उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जिसके अध्यक्षता मुख्यमंत्री के प्रधान आर्थिक सलाहकार प्रवीन परदेशी करेंगे। यह समिति किसानों को कर्ज के जाल से मुक्त कराने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपाय सुझाएगी। समिति में राजस्व, वित्त, कृषि और सहकारिता विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे, साथ ही महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रतिनिधि भी इसका हिस्सा होंगे। समिति छह माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
महाराष्ट्र सरकार ने भारी बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 32,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सरकार ने अब तक वर्षा प्रभावित फसलों के लिए किसानों के बैंक खातों में करीब 6,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि जमा की है। फिलहाल यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आगामी रबी सीजन के लिए बाढ़ पीड़ित किसानों के खातों में सीधे धनराशि जमा की जाए।

किसान नेताओं ने सरकार के इस कदम पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया है। हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जून 2026 तक वादा पूरा नहीं हुआ, तो आंदोलन दोबारा तेज किया जाएगा। बच्चू कडू ने आंदोलन की सफलता का श्रेय राजू शेट्टी, अजित नवले जैसे किसानों नेताओं के समर्थन और किसानों की एकजुटता को दिया। इस आंदोलन को एनसीपी शरद पवार, किसान सभा और राजू शेट्टी के संगठन का समर्थन था।
अब देखना यह है कि सरकार की ओर से गठित समिति क्या सुझाव देती है और कर्जमाफी की प्रक्रिया कितनी तेजी से आगे बढ़ती है, ताकि किसानों को कर्ज के बोझ से राहत मिल सके।