ब्राजील और थाईलैंड में कम उत्पादन के चलते अगले सीजन में 60 लाख टन चीनी निर्यात की संभावना

दुनिया के प्रमुख चीनी उत्पादक देश ब्राजील और थाइलैंड में कम चीनी उत्पादन के चलते वैश्विक स्तर पर मांग की पूर्ति के लिए भारतीय चीनी उद्योग को चीनी निर्यात में बढ़ोत्तरी होने के कारण लाभ होने की संभावना है।अंतराष्ट्रीय चीनी संगठन(आईएसओ) के अनुसार वैश्विक बाजार में शुगर सीजन 2021 -22 अक्टूबर – सितंबर में 40 से 50 लाख टन कम चीनी उपलब्ध होगी । इसके चलते अगले सीजन में भारत का चीनी निर्यात 60 लाख टन रहने की संभावना है

दुनिया के प्रमुख चीनी उत्पादक देश ब्राजील और थाइलैंड  में  कम चीनी उत्पादन  के चलते  वैश्विक स्तर पर मांग की पूर्ति के लिए  भारतीय चीनी उद्योग  को चीनी निर्यात में बढ़ोत्तरी  होने के कारण लाभ होने की संभावना है। अंतराष्ट्रीय चीनी संगठन (आईएसओ)  और अन्य ग्लोबल एजेंसियो  के अनुसार  वैश्विक बाजार में शुगर सीजन 2021 -22 (अक्टूबर से सितंबर) में मांग के मुकाबले 40 से 50 लाख टन  कम चीनी उपलब्ध होगी।  इसका भारत को फायदा होगा और अगले सीजन में देश का चीनी निर्यात 60 लाख टन रहने की संभावना है।  

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएश (इस्मा) की एक प्रेस रिलीज के अनुसार अंतराष्ट्रीय चीनी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें आज के समय में लगभग 20 सेंट/पौंड पर हैं जिसकी  पिछले चार साल की तुलना किया जाय तो चीनी की अंतराष्ट्रीय कीमतें उच्चतम मूल्य स्तर पर है ।

एक रिपोर्ट के अनुसार चीनी उत्पादक देश ब्राजील में सूखे के बाद  शुष्क मौसम और पाले के काऱण  अपने चीनी के चालू सीजन में दक्षिण ब्रजील में अप्रैल 2021 में मार्च 2022 तक कम चीनी उत्पादन होने के अनुमान की वजह से  चीनी की कीमतो में तेजी रहने की उम्मीद है।

इस्मा के मुताबिक ब्राजील में पिछले 90 वर्षों में अब तक के सबसे भीषण  सूखे के कारण ब्राजील का अगला चीनी सीजन भी प्रभावित हो सकता है। इसके आलावा थाइलैंड में अगला सीजन अच्छा होने के बावजूद  भी  उत्पादन से 150 लाख  टन  से  कम रहने का अनुमान है।  एक  अनुमान के तहत यहां पर भी  30 से 35  लाख टन टन कम चीनी  उत्पादन होने की संभावना है। 

थाईलैंड की चीनी बाजार में जनवरी, 2022 के  बाद ही आएगी । इसका मतलब भारतीय चीनी मिलों को  जनवरी 2022 तक यानि चार महीने तक  और उसके बाद अप्रैल 2022 तक  ब्राजील की चीनी आने के पहले  ग्लोबल मार्केट में  अधिक से अधिक चीनी निर्यात करने  का अवसर मिलेगा।  आने वाले सीजन में इस अवसर का लाभ उठाने के लिए चीनी मिलों ने पहले से अनुबंध कर लिए हैं इसलिए उम्मीद की जाती है कि  भारतीय चीनी मिलें  60 लाख टन निर्यात करने  में सक्षम होगी ।

 पोर्ट से किए गये निर्यात की सूचना और बाजार आंकडों के अनुसार चालू सीजन में देश के चीनी मिलों ने  66.7 लाख  टन चीनी का निर्यात दूसरे देशों को किया है। यह आंकडा पिछले 11 महीने  (अक्टूबर- अगस्त)  के दौरान सीजन 2020 -21 का है । जो पिछले सीजन में इसी अवधि के दौरान निर्यात की गई चीनी 55.78 लाख टन की तुलना में लगभग 11 लाख टन अधिक  है।

इस निर्यात में मैक्सिमम एडमिसीबल कोटा (एम ए ई क्यू ) योजना के तहत 4.49 लाख टन का  निर्यात भी शामिल है। इसे 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दिया  गया था।  इसका मतलब  है  कि  साल 2021 के जनवरी से अगस्त  महीने के दौरान अधिकतर चीनी निर्यात  किया गया था। वह ज्यादातर 2020 -21  सीजन के एमएईक्यू और क्वालिटी अंडर द ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत तहत किया गया था।

इसके अलावा एक जानकारी के अनुसार  6 सितम्बर तक अभी दूसरे देशों की मांग पर  लगभग 2.29 लाख टन चीनी बंदरगाहों पर स्टोर है जो मालावाहक जहाजों के आने  के बाद दूसरे देशो को भेज दी जाएगी। इसके चलते मौजूदा सीजन में 70 लाख  टन चीनी निर्यात होने का अनुमान है। 

भारत से चीनी मुख्य रूप से इंडोनेशिया, अफगानिस्तान,श्रीलंका, सोमालिया, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, सऊदी अरब और सूडान को निर्यात की जाती है। इसमें इंडोनेशिया 29 फीसदी  हिस्सेदारी के साथ  सबसे ऊपर है। इसके बाद अफगानिस्तान को कुल निर्यात का 13 फीसदी हिस्सा है।अभी तक  किए गये कुल चीनी निर्यात में 34.28 लाख टन रॉ शुगर  25.66 लाख टन व्हाइट शुगर  और 18.80 लाख टन रिफाइंड शुगर का निर्यात शामिल है। इसके अलावा चीनी मिलों ने बंदरगाह स्थित रिफाइनरियों को लगभग 7.17 लाख  टन रॉ शुगर की डिलीवरी होने की सूचना दी है।