उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) और पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा इथेनॉल की खरीद मूल्य बढ़ाने से जुड़ी चीनी उद्योग की मांगों पर मंत्रियों के समूह (GoM) में विचार करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है और अब 2030 तक 25% तक पहुंचने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
प्रल्हाद जोशी गुरुवार को नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ (NFCSF) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित कोऑपरेटिव शुगर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 2025 और नेशनल एफिशिएंसी अवार्ड समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर देशभर की 25 सहकारी चीनी मिलों को चीनी रिकवरी, वित्तीय प्रबंधन और तकनीकी दक्षता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
NFCSF, देश की 260 सहकारी चीनी मिलों और 9 राज्य महासंघों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था है। यह संगठन हर वर्ष अपने सदस्य मिलों को नवाचार, स्थिरता और उत्कृष्टता बढ़ाने के उद्देश्य से "दक्षता पुरस्कार" प्रदान करता है।
समाधान का आश्वासन
प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार को गन्ना किसानों, चीनी मिलों और उपभोक्ताओं के हितों के बीच संतुलन बनाए रखना होता है। यह क्षेत्र हर साल ₹1.3 लाख करोड़ से अधिक का आर्थिक योगदान देता है। भारत दुनिया की 20% चीनी का उत्पादन करता है और इसकी 15% खपत देश में ही होती है। उन्होंने उद्योग की चीनी MSP और इथेनॉल कीमतों में बढ़ोतरी की मांगों के उचित समाधान का आश्वासन दिया।
उन्होंने यह भी बताया कि सहकारी चीनी मिलों ने इथेनॉल उत्पादन क्षमता में भारी निवेश किया है। भारत अब 1,788 करोड़ लीटर की स्थापित इथेनॉल उत्पादन क्षमता तक पहुंच चुका है। सरकार अब यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है कि ऑफ-सीजन में इथेनॉल और बायो-CNG का उत्पादन बढ़ाकर मिलें पूरे साल काम कर सकें।
सहकारिता पर जोर
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मोदी सरकार के दौरान लिए गए नीतिगत निर्णयों को रेखांकित किया, जिनमें इथेनॉल ब्लेंडिंग, चीनी निर्यात और FRP (उचित एवं लाभकारी मूल्य) में बढ़ोतरी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 2024-25 का 83% गन्ना भुगतान पहले ही किया जा चुका है। जोशी ने कहा कि 10 लाख टन चीनी के निर्यात से घरेलू बाजार में कीमतों में ₹3 प्रति किलो का सुधार हुआ, जिससे उद्योग को स्थिरता मिली।
उन्होंने कहा, “भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा में सहकारिता क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने सहकारी क्षेत्र को नीतिगत निर्णयों, कर राहत, निवेश प्रोत्साहन और बहु-आयामी कार्यक्षमता के माध्यम से सशक्त करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सहकारिता मंत्रालय की स्थापना को सराहा और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी गोदामों और व्यवसाय मॉडल को बढ़ावा देने की पहल की प्रशंसा की।
उद्योग की मांग और सुझाव
NFCSF के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल ने किसानों, सहकारी चीनी मिलों और सहकारी क्षेत्र के हित में लिए गए निर्णयों के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने चीनी का MSP ₹40 प्रति किलो तक बढ़ाने और उद्योग में स्थिरता लाने के लिए 10-वर्षीय नीतिगत रोडमैप बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इथेनॉल की खरीद मूल्य में वृद्धि की जानी चाहिए क्योंकि चीनी मिलों ने इथेनॉल क्षमता निर्माण में भारी वित्तीय निवेश किया है।
पाटिल ने सरकार द्वारा एनसीडीसी के ज़रिए ₹10,000 करोड़ का रियायती ऋण और कर राहत उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया, लेकिन कहा कि उद्योग को निरंतर समर्थन की आवश्यकता है।
सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, राज्य मंत्री निमूबेन बाम्भनिया, और हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने भी अपने विचार रखते हुए चीनी मिलों की सामाजिक-आर्थिक भूमिका को रेखांकित किया।
गन्ना खेती में AI पर तकनीकी संगोष्ठी
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत, NFCSF ने 2 और 3 जुलाई 2025 को गन्ना खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग पर एक तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन किया। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. प्रसांता कुमार दास, सहायक महानिदेशक, ICAR ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में प्रतापराव पवार ने इस क्षेत्र की संभावनाओं और भविष्य की दिशा पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन NFCSF के सचिव सुमित झा ने किया। अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल और प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया।