इफको की आंवला और फूलपुर यूनिट में नैनो डीएपी का उत्पादन शुरू, रोजाना दो-दो लाख बोतल की उत्पादन क्षमता
इन दो संयंत्रों के साथ अब इफको देश भर में पांच नैनो खाद संयंत्रों का संचालन कर रहा है। इस तरह नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की कुल दैनिक उत्पादन क्षमता बढ़कर 9.5 लाख बोतल प्रतिदिन हो गई है।

इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने उत्तर प्रदेश के दो नए नैनो खाद संयंत्रों – आंवला (बरेली) और फूलपुर (प्रयागराज) – में इफको नैनो डीएपी लिक्विड का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया है। प्रत्येक प्लांट की दैनिक उत्पादन क्षमता 2 लाख बोतल है, जिससे किसानों के लिए इस अत्याधुनिक खाद की उपलब्धता में बड़ा इजाफा होगा।
इन दो संयंत्रों के जुड़ने के साथ ही, इफको अब देश भर में पांच नैनो खाद संयंत्रों का संचालन कर रहा है। इसके साथ ही नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की कुल दैनिक उत्पादन क्षमता बढ़कर 9.5 लाख बोतल प्रतिदिन हो गई है। यह पहल देश भर के किसानों को नैनो खाद उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस उपलब्धि पर इफको के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. यू.एस. अवस्थी ने कहा, “किसानों से नैनो डीएपी लिक्विड को मिली शानदार प्रतिक्रिया के बाद इफको की आंवला और फूलपुर इकाइयों में इसका वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। दोनों इकाइयों की उत्पादन क्षमता 2-2 लाख बोतल प्रतिदिन है, जो देश में नैनो डीएपी की आपूर्ति को बढ़ावा देगा।” उन्होंने दोनों इकाइयों की टीमों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
नैनो डीएपी लिक्विड को पारंपरिक डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) का एक अच्छा विकल्प माना जा रहा है। 100 नैनोमीटर से छोटे कणों से निर्मित यह खाद पौधों को पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण सुनिश्चित करता है, मिट्टी की सेहत सुधारता है, और फसलों की वृद्धि व उपज को बढ़ावा देता है।
गौरतलब है कि इफको पहले ही नैनो यूरिया के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा चुका है। अब नैनो डीएपी के उत्पादन का विस्तार भारत को सतत और आत्मनिर्भर कृषि की ओर ले जाने में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।