हुड्डा के सवाल पर खुलासा: हरियाणा में फसल बीमा भुगतान में 90% की गिरावट

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि PMFBY के तहत बीमा दावों के भुगतान पर उनके संसदीय प्रश्न के उत्तर से स्पष्ट हुआ कि न सिर्फ दावा भुगतान में 90% की भारी गिरावट आई है, बल्कि भाजपा सरकार फसल बीमा योजना की आड़ में किसानों की बजाय बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है। 

हुड्डा के सवाल पर खुलासा: हरियाणा में फसल बीमा भुगतान में 90% की गिरावट

हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा दावों के भुगतान में भारी गिरावट को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। लोकसभा में रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत हरियाणा में वर्ष 2022-23 में 2,518.66 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया था। वहीं, 2023-24 में यह घटकर 265.23 करोड़ रुपये और 2024-25 में 262.6 करोड़ रुपये रह गया। इस तरह हरियाणा में फसल बीमा भुगतान में करीब 90% की गिरावट आई है।   

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत हरियाणा में

विभिन्न वर्षों के प्रीमियम अंशदान और दावों का भुगतान (₹ करोड़ में)

वर्ष

किसानों का अंशदान

केंद्र सरकार का अंशदान

कुल दावों का भुगतान

2020-21

345.0

482.2

1162.7

2021-22

313.8

447.7

1649.0

2022-23

345.0

481.1

2518.7

2023-24

154.9

246.6

265.2

2024-25

280.3

388.2

262.6

स्रोत: लोकसभा

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि PMFBY के तहत बीमा दावों के भुगतान पर मेरे संसदीय प्रश्न के उत्तर से स्पष्ट हुआ कि न सिर्फ दावा भुगतान में 90% की भारी गिरावट आई है, बल्कि भाजपा सरकार फसल बीमा योजना की आड़ में किसानों की बजाय बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है। 

केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर की ओर से कहा गया कि फसल बीमा योजना के तहत दावों का निर्धारण संबंधित राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत थ्रेशहोल्ड उपज की तुलना में वास्तविक उपज में कमी के आधार पर योजना के दिशानिर्देशों में दिए गए फार्मूले के अनुसार किया जाता है। इस प्रकार, दावों की गणना प्राकृतिक आपदाओं के कारण उपज में हुए नुकसान पर निर्भर करती हैं।  

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों को लगातार हो रहे नुकसान के बावजूद बीमा भुगतान में भारी गिरावट पर सवाल उठाया। उन्‍होंने कहा कि बीमा दावों के भुगतान में इतनी बड़ी गिरावट किसानों के लिए आर्थिक संकट पैदा कर सकती है और योजना से उनका विश्वास उठ सकता है। 

राज्‍य मंत्री ठाकुर ने यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शुरुआती कार्यान्वयन के बाद इस योजना से बाहर हो गए थे, हालांकि आंध्र प्रदेश और झारखंड अब फिर से इसमें शामिल हो गए हैं। 

फसल बीमा में धांधली का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भिवानी जिला में दो दर्जन से अधिक गांवों में हजारों एकड़ जमीन बारिश के कारण जलमग्न हो गई। इसके लिए राज्य सरकार को चाहिए कि वह तुरंत सर्वे करवाकर किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रूपये मुआवजा दे। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के फसल बीमा में धांधली की जा रही है। प्रीमियम ज्यादा लिया जाता है, जबकि किसानों को मुआवजा कम मिलता है।

 

Subscribe here to get interesting stuff and updates!