इस साल 20 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करेगी मदर डेयरीः मनीष बंदलिश

मदर डेयरी की विस्तार योजनाओं पर मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष बंदलिश का कहना है कि कंपनी केवल एनसीआर के ब्रांड की छवि से आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत उपस्थिति वाले ब्रांड के रूप में उभरने की रणनीति पर काम कर रही है

इस साल 20 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करेगी मदर डेयरीः मनीष बंदलिश
मनीष बंदलिश, मैनेजिंग डायरेक्टर मदर डेयरी

देश की सबसे बड़ी डेयरी और फूड बिजनेस कंपनियों में शुमार मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिबल प्राइवेट लिमिटेड  चालू वित्त वर्ष (2025-26) में 20 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर लक्ष्य को हासिल करने को लेकर आश्वस्त है। कंपनी देशभर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है और राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड पहचान स्थापित करने की रणनीति के तहत अब तक लगभग एक दर्जन राज्यों के बाजार में प्रवेश कर चुकी है।

मदर डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष बंदलिश ने रूरल वॉयस के साथ एक बातचीत में बताया कि दूध की खरीद कीमतें बढ़ने से किसानों को लाभ हो रहा है। फ्लश सीजन की स्थिति का सही आकलन दिसंबर में ही संभव हो पाएगा, लेकिन दूध की बढ़ती खरीद कीमतों के चलते डेयरी कंपनियों पर दबाव जरूर है।  जहां तक मदर डेयरी के चालू वित्त वर्ष के लिए लक्षित 20 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर की बात हो हम उसे हासिल करने की ओर अग्रसर हैं। पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में मदर डेयरी का टर्नओवर 17,300 करोड़ रुपये रहा था।

मनीष बंदलिश के अनुसार कंपनी की ग्रोथ सभी उत्पाद कैटेगरी में बेहतर है। केंद्र सरकार द्वारा डेयरी उत्पादों पर जीएसटी दरों में की गई कटौती के बाद कंपनी ने कीमतों को घटा कर उसका लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया है। हालांकि आइसक्रीम पर जीएसटी में कमी का बिक्री में बढ़ोतरी का पूरा फायदा इस साल नहीं मिल पाया, क्योंकि जीएसटी की दरों में कटोती लागू होने के पहले ही आइसक्रीम सीजन का मुख्य निकल चुका था। 

दूध की खरीद के दाम पर उन्होंने बताया कि कंपनी का डेयरी डॉक प्राइस 60 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है, जो 6.5 फीसदी फैट वाले दूध के लिए है। इस साल फ्लश सीजन में दूध की सप्लाई बहुत बेहतर नहीं है, लेकिन सीजन को लेकर अभी ठोस निष्कर्ष निकालना मुश्किल है, क्योंकि इस साल त्योहार जल्दी आ गये थे और उसके बाद शादियों का सीजन शुरू हो गया। असल में त्योहारों और शादी के सीजन में स्थानीय स्तर पर दूध की खपत बढ़ जाती है। फैट और स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) की उपलब्धता बेहतर है। एसएमपी की कीमतें बेहतर हुई हैं और इस समय ह 270 रुपये प्रति किलो के आसपास हैं, जबकि फैट की कीमत 425 से 430 रुपये प्रति किलो के बीच चल रही हैं।

मदर डेयरी की विस्तार योजनाओं पर उन्होंने कहा कि कंपनी केवल एनसीआर ब्रांड की छवि से आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत उपस्थिति वाले ब्रांड के रूप में स्थापित होने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए हमें हमारे बोर्ड से मैंडेट भी मिला है। डेयरी के साथ धारा ब्रांड खाद्य तेल तथा फल-सब्जी व्यवसाय को भी विस्तार दिया जा रहा है, साथ ही प्रोसेसिंग क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। मदर डेयरी दूध की खरीद मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (MPO) के माध्यम से करती है। कंपनी MPO को मल्टी कमोडिटी मॉडल में बदलने पर काम कर रही है, ताकि खाद्य तेल, फल और सब्जी बिजनेस में किसानों की सीधी भागीदारी बढ़ सके। सरसों खरीद के लिए अलवर में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है और इसी तरह का प्रोजेक्ट कोटा में भी प्रारंभ किया जा रहा है। धारा खाद्य तेल व्यवसाय में 15 फीसदी ग्रोथ दर्ज की जा रही है और कुल खाद्य तेल व्यवसाय में धारा सरसों तेल की हिस्सेदारी 60 फीसदी है।

दूध बिजनेस के विस्तार पर मनीष बंदलिश ने बताया कि राजस्थान में दूध बिक्री 14 लाख लीटर प्रतिदिन के स्तर को पार कर चुकी है और अब वहां नई क्षमता बढ़ाने के लिए एक नया प्लांट लगाया जा रहा है। इसी तरह बिहार में भी अच्छी ग्रोथ मिल रही है, जहां मुंगेर में नया डेयरी प्लांट लगाया जाएगा। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में भी कंपनी की ग्रोथ मजबूत है।

फल और सब्जी व्यवसाय पर उन्होंने बताया कि कंपनी इस सेगमेंट में कुछ नए कदम उठा रही है। अब ऑनलाइन बिक्री का विकल्प भी शुरू किया जा रहा है और इसके लिए एक ऐप विकसित किया गया है। फलों और सब्जियों के व्यवसाय में 7-8 फीसदी ग्रोथ है। उन्होंने कहा कि यह बिजनेस चुनौतीपूर्ण है क्योंकि गुणवत्ता बनाए रखना कठिन होता है और कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते मार्जिन कम है। इस साल अल्फांसो और तोतापुरी आम की आवक अच्छी रहने से कीमतें कम रहीं, जिससे पल्प निर्यात बिजनेस में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इस साल पल्प बिजनेस की वॉल्यूम ग्रोथ 25-30 फीसदी रहने का अनुमान है। मदर डेयरी आम का पल्प बड़े स्तर पर निर्यात करती है और इसके प्रमुख बाजार अमेरिका और यूरोपीय देश हैं।

इसके साथ ही मदर डेयरी आलू के प्रसंस्करण का काम भी शुरू करने जा रही है। इसके लिए गुजरात में आलू प्रसंस्करण का एक संयंत्र जल्दी ही उत्पादन शुरू कर देगा। 

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