लैंड पूलिंग पॉलिसी पर दिल्ली देहात के किसानों की मुहिम तेज, राहुल गांधी जल्द करेंगे दौरा

बारह सालों से परेशान दिल्ली देहात को अब राहुल गांधी का इंतजार है। लैंड पूलिंग पॉलिसी से पीड़ित किसानों ने अब अपनी मुहिम को तेज गति दे दी है। गरीब किसानों की मांगें संसद के शीतकालीन सत्र में गूंज सकती हैं। दिल्ली देहात के किसान प्रतिनिधिमंडल ने ससंद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और लैंड पूलिंग नीति की तथाकथित अवैध शर्तें हटाने की मांग की।

लैंड पूलिंग पॉलिसी पर दिल्ली देहात के किसानों की मुहिम तेज, राहुल गांधी जल्द करेंगे दौरा

नई दिल्ली से पूजा प्रसाद की रिपोर्ट 

बारह सालों से परेशान दिल्ली देहात को अब राहुल गांधी का इंतजार है। लैंड पूलिंग पॉलिसी से पीड़ित किसानों ने अब अपनी मुहिम को तेज गति दे दी है। गरीब किसानों की मांगें संसद के शीतकालीन सत्र में गूंज सकती हैं। दिल्ली देहात के किसान प्रतिनिधिमंडल ने ससंद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और लैंड पूलिंग नीति की तथाकथित अवैध शर्तें हटाने की मांग की। 

दिल्ली देहात मोर्चा के संस्थापक राजीव यादव ने बताया, “राहुल गांधी ने ज्ञापन रिसीव करने के साथ ही खुद हमसे पूछा कि आप हमसे क्या चाहते हैं। तब हमने अपना पक्ष भी रखा और अपनी मांगें उन्हें मौखिक रूप से बताईं। राहुल गांधी ने हमसे स्पष्ट वादा किया है कि मैं दिल्ली देहात आऊंगा।”

राजीव यादव ने रूरल वॉयस को बताया, प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से गुजारिश की कि हमारे सदस्यों से मीटिंग की जाए और हमारे मसलों को वह क्षेत्र में पहुंचकर अपनी आंख से खुद देखें और समझें। हमने मांग की है कि एलओपी के तौर पर दिल्ली देहात के लैंड पूलिंग से जुड़े इस मसले को संसद में उठाएं। किसानों का कहना है कि यह लड़ाई अब केवल जमीन की नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की है।

क्या हैं दिल्ली देहात की मांगें

दरअसल, दिल्ली देहात की मांग है कि लैंड पूलिंग की चारों किसान-विरोधी शर्तें हटाई जाएं। साथ ही, मास्टर प्लान 2041 में स्मार्ट विलेज और प्लॉट योजना लागू की जाए। जमीन के मालिकाना हक, कलेक्टर रेट वृद्धि और देहात में कैंपस–स्टेडियम की मांग भी इस ज्ञापन के जरिए की गई है। देहात डेलिगेशन का आरोप है कि मौजूदा सरकार ने संविधान और कानून की अनदेखी करते हुए ऐसी नीतियां लागू की हैं जिनसे हजारों किसान अपने मूल अधिकारों और जमीन से वंचित हो रहे हैं।

प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से लैंड पूलिंग पॉलिसी में शामिल चार कथित रूप से असंवैधानिक और किसान-विरोधी शर्तों को तुरंत वापस लेने की मांग रखी है। ये शर्तें हैं- 5 एकड़ की अनिवार्यता, लगभग 20 करोड़ रुपये तक का बाहरी विकास शुल्क, 40% जमीन मुफ्त देने की मजबूरी, और बिल्डरों के साथ समूह बनाने की बाध्यता। किसानों का कहना है कि ये आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा धोखा है।

“सबको प्लॉट – स्मार्ट विलेज” पर जोर

प्रतिनिधिमंडल की मांग है कि दिल्ली मास्टर प्लान 2041 में नए “स्मार्ट विलेज” बसाए जाने चाहिए। 36 बिरादरियों को उनकी ही जमीन से प्लॉट आवंटित करने की “सबको प्लॉट – स्मार्ट विलेज” योजना लागू करें। साथ ही, 17 साल पुराने कलेक्टर रेट को 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक संशोधित करने और 74/4 जमीन वाले किसानों को खेत और प्लॉट का मालिकाना हक लौटाने की मांग रखी गई है।

किसानों ने खून के रिश्तों वाली गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क समाप्त करने, नजफगढ़ में वेस्ट कैंपस, कंझावला–बवाना क्षेत्र में नॉर्थ-वेस्ट कैंपस और दिल्ली देहात में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का स्पोर्ट्स स्टेडियम स्थापित करने की भी मांग रखी है। उनके अनुसार देहात को शिक्षा, खेल से जोड़ना सरकार की बुनियादी जिम्मेदारी है। राजीव यादव ने कहा, “दिल्ली देहात बारह वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा में खड़ा है। हमारी जमीन, हमारे अधिकार और हमारे भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। यह संघर्ष सिर्फ जमीन का नहीं, बल्कि हमारे सम्मान और अस्तित्व का है।”

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