किसान ट्रस्ट द्वारा ‘चौधरी चरण सिंह अवार्ड्स 2025’ का आयोजन, हरवीर सिंह को ‘कलम रत्न’ पुरस्कार

चौधरी चरण सिंह द्वारा स्थापित किसान ट्रस्ट द्वारा “चौधरी चरण सिंह अवार्ड्स 2025" के द्वितीय संस्करण का आयोजन आज नई दिल्ली में किया गया।

किसान ट्रस्ट द्वारा ‘चौधरी चरण सिंह अवार्ड्स 2025’ का आयोजन, हरवीर सिंह को ‘कलम रत्न’ पुरस्कार
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अवार्ड प्राप्त करते रूरल वॉयस के प्रधान संपादक हरवीर सिंह

किसान ट्रस्ट द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की स्मृति में "चौधरी चरण सिंह अवाईस 2025 (द्वितीय संस्करण) का आयोजन शनिवार को नई दिल्ली में किया गया। इस अवसर पर कृषि, सेवा, पत्रकारिता एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली विशिष्ट शख्सियतों एवं संस्थाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त सिंह रहे। 

किसान ट्रस्ट की तरफ से इस वर्ष के कलम रत्न पुरस्कार से वरिष्ठ पत्रकार और रूरल वॉयस के एडिटर-इन-चीफ हरवीर सिंह को सम्मानित किया गया। किसान पुरस्कार सत्यवान सहरावत को प्रदान किया गया। डॉ. डी.के. यादव को कृषि उत्थान पुरस्कार, फ्रूवटेक ऑर्गनाइजेशन (Fruvetech Organisation) को कृषि उद्यमी पुरस्कार और प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन को सेवा रत्न पुरस्कार से नवाजा गया। 'कृषि उद्यमी पुरस्कार' श्रेणी की शुरुआत इसी साल की गई।

समारोह को संबोधित करते केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान।

अवार्ड समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मेरे साथी जयन्त चौधरी में मुझे आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी जैसी सादगी दिखाई देती है। चौधरी साहब को गांव-गरीब-किसान अपनी उम्मीद के रूप में देखते थे। चौधरी साहब ने भी गांव-गरीब-किसान के उत्थान में कोई कसर नहीं छोड़ी।”

चौधरी साहब की राजनीतिक जीवटता को याद करते हुए कृषि मंत्री जी ने कहा, “जिस समय पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ बोलने का कोई साहस नहीं करते थे, तब चौधरी साहब ने उनके सहकारी खेती के विदेशी सिद्धांत का जमकर विरोध किया। गांधीवादी विचारधारा से प्रेरित चौधरी साहब ने हिंडन नदी के किनारे जाकर नमक कानून तोड़ा, जमींदारी प्रथा का उन्मूलन करके किसान को जमीन का मालिक बनाया। किसानों के हित में वे किसी के दबाव में नहीं झुके।”

समारोह को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री जयन्त चौधरी ने ज्यूरी के सदस्यों का धन्यवाद एवं सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, " अक्सर जब किसान दिल्ली आते हैं, तो दिल्ली हिलाने आते हैं। मगर आज का दिन इस मायने में अलग है कि आज किसान चौधरी साहब की स्मृति में पुरस्कार देने दिल्ली आए हैं। यह सभी पुरस्कार विजेताओं के लिए गौरवशाली पल है और चौधरी साहब की विरासत का हिस्सा बनने की बड़ी एक जिम्मेदारी भी है।"

कलम रत्न पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार हरवीर सिंह ने कहा कि चौधरी साहब के नाम से पुरस्कार मिलना उनके लिए गौरव एवं भावुकता भरा पल है। चौधरी साहब की विचारधारा से प्रभावित होकर उन्होंने पत्रकारिता के जरिए हमेशा गांव, किसान के मुद्दों को उठाने का प्रयास किया। अब रूरल वॉयस के जरिए कृषि और ग्रामीण भारत की आवाज़ उठाने के मिशन में जुटे हैं। 

किसान पुरस्कार के विजेता प्रगतिशील किसान सत्यवान सहरावत ने कहा कि चौधरी चरण सिंह जी के पदचिन्हों पर चलकर किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाकर ही विकसित भारत 2047 का सपना साकार हो सकता है। यह पुरस्कार उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। 

कृषि उत्थान पुरस्कार के विजेता कृषि वैज्ञानिक और ICAR के उप महानिदेशक डॉ. देवेंद्र यादव ने कहा कि इस पुरस्कार के रूप में मेरे नाम के साथ किसानों के मसीहा भारत रत्न चौधरी चरण सिंह जी का नाम जुड़ना उनके लिए गर्व का विषय है। वे विज्ञान और नीतियों के माध्यम से किसानों के जीवन में बदलाव लाने की कोशिश में जुटे हैं। 

Fruvetech की तरफ से कृषि उद्यमी पुरस्कार हासिल करते हुए डॉ. जगदीश गुप्ता ने कहा कि ये पुरस्कार हासिल करके संस्थान गर्व महसूस करता है और संस्थान चौधरी चरण सिंह जी के सपनों को पूरा करने के दृढ़ संकल्पित है।

प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की तरफ से सेवा रत्न पुरस्कार हासिल करते हुए रुक्मिणी बनर्जी ने कहा कि कृषि क्षेत्र से न होते हुए भी शिक्षा के क्षेत्र में हमारे योगदान के लिए संस्थान को भारत रत्न चौधरी चरण सिंह जी के नाम से पुरस्कार मिलना न केवल गौरव का विषय है बल्कि हमारे प्रयासों को इससे प्रेरणा भी मिलेगी। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. यशवीर सिंह जी ने की। उन्होंने अपने स्वागत संबोधन में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत रत्न चौधरी चरण सिंह जी ने किसानों को हकदार बनाया, दलितों-पिछड़ों को जमीन का मालिक बनाया और स्वाभिमान से जीवन जीने का हक दिया। इसलिए चौधरी साहब के न रहने का सबसे बड़ा नुकसान किसानों को हुआ। इस अवसर पर किसान ट्रस्ट की ट्रस्टी चारु चौधरी, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ एके सिंह तथा तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे। 

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