डॉ. यू. एस. अवस्थी ने इफको से ली विदा, चार दशक के शानदार नेतृत्व का समापन

अपने संदेश में डॉ. अवस्थी ने कहा कि उनका हृदय सदैव किसानों और सहकारिता के लिए धड़कता रहा, और यही भावना उन्हें जीवनपर्यंत इस क्षेत्र की सेवा के लिए प्रेरित करती रही।

डॉ. यू. एस. अवस्थी ने इफको से ली विदा, चार दशक के शानदार नेतृत्व का समापन

विश्व की प्रमुख उर्वरक सहकारी संस्था, इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइज़र कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) में आज एक युग का समापन हुआ, जब प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी 31 जुलाई 2025 को 80 वर्ष की आयु पूरी कर सेवा से निवृत्त हो रहे हैं। चार दशकों से अधिक समय तक इफको की कमान संभालने वाले डॉ. अवस्थी ने न केवल संगठन को वैश्विक पहचान दिलाई, बल्कि इसे बुलंदियों पर पहुंचाया। इफको के नए प्रबंध निदेशक के नाम का अभी तक ऐलान नहीं हुआ है। 

इस मौके पर अपने संदेश में डॉ. अवस्थी ने कहा कि उनका हृदय सदैव किसानों और सहकारिता के लिए धड़कता रहा, और यही भावना उन्हें जीवनपर्यंत इस क्षेत्र की सेवा के लिए प्रेरित करती रही।

बीएचयू से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डॉ. अवस्थी ने नवंबर 1976 में इफको में कदम रखा था। विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए उन्होंने 1993 में प्रबंध निदेशक का पदभार संभाला। अपने नेतृत्व में उन्होंने इफको को एक विश्वस्तरीय, पेशेवर रूप से प्रबंधित सहकारी समूह में परिवर्तित कर दिया। उनके मार्गदर्शन में इफको ने न केवल उर्वरक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की, बल्कि अनेक विविध क्षेत्रों में विस्तार करते हुए किसानों को सीधे लाभ पहुँचाया।

डॉ. अवस्थी के नेतृत्व में इफको ने सेनेगल, ओमान, जॉर्डन और यूएई में रणनीतिक निवेश किए। उन्होंने कई ऐतिहासिक संयुक्त उपक्रमों की नींव रखी, जिनमें इफको-टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी और इफको-मित्सुबिशी कैमिकल्स शामिल हैं। उन्होंने इफको बाजार (ई-कॉमर्स), IFFDC (वन एवं बीज उत्पादन), इफको किसान लॉजिस्टिक्स, इफको किसान सुविधा और इफको किसान फाइनेंस जैसी अनेक सहायक कंपनियों की स्थापना की।

कृषि क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी को अपनाने वाले डॉ. अवस्थी अग्रणी रहे। उन्होंने कलोल स्थित नैनो टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर और इफको Nanoventions Pvt. Ltd. की स्थापना कर इफको नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, नैनो जिंक और नैनो जैसे उत्पादों की शुरुआत कराई। उनके कार्यकाल में गुजरात (कलोल, कांडला), उत्तर प्रदेश (आंवला, फूलपुर), ओडिशा (पारादीप), बेंगलुरु, देवघर और असम में नैनो उर्वरक संयंत्र स्थापित किए गये।

कृषि और सहकारिता क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें Rochdale Pioneers Award (अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन), “Fertiliser Man of India” (सहकार भारती) सहित कई सम्मान शामिल हैं। वे इंटरनेशनल फर्टिलाइजर एसोसिएशन और फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया में नेतृत्वकारी भूमिका में भी रहे।

अपने संदेश में डॉ. अवस्थी ने कहा, "मैं इफको परिवार, उसकी सभी सहयोगी, संयुक्त उपक्रमों और संबद्ध संस्थानों का आभार प्रकट करता हूँ। मैं अतीत और वर्तमान के सभी बोर्ड सदस्यों, सहकारी सदस्य, इफको के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवारों, साझेदारों, आपूर्तिकर्ताओं, और भारत के किसानों का हार्दिक धन्यवाद करता हूं। यदि मैं सभी के नाम नहीं ले पा रहा हूँ, तो भी हर किसी का मेरे जीवन में योगदान अविस्मरणीय है।"

इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी ने कहा, "अवस्थी जी ने इफको और इसके सभी उपक्रमों में जिस समर्पण और सेवा-भाव से कार्य किया, वह अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने परिवार से दूर रहकर संस्था की सेवा की है। अब जब वह अवकाश ले रहे हैं, तो हमें प्रसन्नता है कि वे अपने परिवार के साथ समय बिता पाएंगे। हम फिर भी उनसे निवेदन करते हैं कि वे नए प्रबंधन को समय-समय पर मार्गदर्शन देते रहें।"

इफको की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, डॉ. अवस्थी की विदाई, इफको में एक युग का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है, जहां उनकी दूरदृष्टि और अनुभव संस्था की आगामी पहलों को मार्गदर्शन देते रहेंगे। उनके आदर्श, नवाचार और सेवा-भावना, आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।

 

 

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