अशोक चौधरी जीसीएमएमएफ के नए अध्यक्ष, गोर्धन धमेलिया उपाध्यक्ष बने
मेहसाणा दुग्ध उत्पादक संघ (दूधसागर डेयरी) के अध्यक्ष अशोक चौधरी को जीसीएमएमएफ का नया अध्यक्ष निर्विरोध चुना गया है। वहीं, राजकोट जिला दुग्ध उत्पादक संघ (गोपाल डेयरी) के अध्यक्ष गोर्धन धमेलिया उपाध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।

अमूल ब्रांड से उत्पाद बेचने वाली देश की प्रमुख सहकारी संस्था, गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) में नए नेतृत्व ने कमान संभाल ली है। मेहसाणा दुग्ध उत्पादक संघ (दूधसागर डेयरी) के अध्यक्ष अशोक चौधरी को जीसीएमएमएफ का नया अध्यक्ष निर्विरोध चुना गया है। वहीं, राजकोट जिला दुग्ध उत्पादक संघ (गोपाल डेयरी) के अध्यक्ष गोर्धन धमेलिया उपाध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
आनंद जिला कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी प्रवीण चौधरी ने बताया कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों के लिए कोई अन्य नामांकन प्राप्त नहीं हुआ, इसलिए दोनों नेताओं को निर्विरोध चुना गया। यह चुनाव जीसीएमएमएफ की दो साल छह महीने की कार्यकारिणी का कार्यकाल पूरा होने के चलते हुआ।
36 लाख डेयरी किसानों का नेतृत्व
चुनाव के बाद, अशोक चौधरी और गोर्धन धमेलिया ने अमूल को वैश्विक डेयरी ब्रांड के रूप में स्थापित करने में उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया।
अशोक चौधरी ने कहा कि वह जीसीएमएमएफ की प्रगति के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करेंगे। इससे करीब 36 लाख डेयरी किसानों की आजीविका जुड़ी है और इसका सशक्तिकरण उनकी प्राथमिकता होगी।
सहकारिता क्षेत्र में मजबूत पहचान
55 वर्षीय अशोक चौधरी उत्तर गुजरात के सहकारिता क्षेत्र में एक जाना-पहचाना नाम हैं। वे मेहसाणा जिले के विसनगर तालुका स्थित चितरोडिपुरा गांव के निवासी हैं और भाजपा की मेहसाणा इकाई में प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वे 2005 से 2007 तक मेहसाणा नगरपालिका के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
चौधरी 2015 में दूधसागर डेयरी के निदेशक बने और 2021 में उन्होंने जीसीएमएमएफ के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी के समर्थित पैनल को हराकर दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष बने थे।
18 सहकारी दुग्ध संस्थाएं जीसीएमएमएफ की सदस्य
जीसीएमएमएफ गुजरात की 18 सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों का एक महासंघ है, जिसकी स्थापना किसानों को सशक्त बनाने और उन्हें उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से की गई थी। ‘अमूल’ ब्रांड के माध्यम से यह संस्था राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी है।
निर्विरोध चुनाव की परंपरा
जीसीएमएमएफ की विज्ञप्ति के अनुसार, "चुनाव प्रक्रिया आनंद के जिला कलेक्टर और गुजरात सरकार के सहकारी रजिस्ट्रार की उपस्थिति में आयोजित की गई। 1973 में अपनी स्थापना के बाद से, जीसीएमएमएफ ने अपने नेतृत्व के लिए सर्वसम्मति से चुनाव की परंपरा को बनाए रखा है।"