उत्तराखंड में पंचायत चुनाव स्थगित, आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में उलझी सरकार
हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव की प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी। अब बुधवार दोपहर बाद होने वाली सुनवाई पर टिकी नजर

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को पहले ही सात महीने की देरी हो चुकी है। अब जैसे-तैसे बुधवार से नामांकन के साथ चुनाव प्रक्रिया शुरु होनी थी, लेकिन इससे एक दिन पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी है।
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की अधिसूचना शनिवार को जारी हुई थी। जिसके तहत हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत के लिए 10 और 15 जुलाई को मतदान होना था। नामांकन की प्रक्रिया 25 जून से शुरू होनी थी। लेकिन इस बीच बागेश्वर निवासी गणेश कांडपाल व अन्य लोगों ने सरकार पर आरक्षण निर्धारण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए, हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। याचिकाकर्ता का कहना है कि पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी, चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई हैं।
हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की आरक्षण संबंधी पूरी कार्यवाही अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दी थी। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को नामांकन और चुनाव संबंधी प्रक्रिया पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी। क्योंकि कोर्ट के आदेश के बाद आरक्षित पदों/स्थानों की स्थिति स्पष्ट नहीं है और ऐस में चुनाव कराना संभव नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
आरक्षण नियमावली की विधिवत अधिसूचना जारी किए बिना ही पंचायत चुनाव की घोषणा को लेकर राज्य सरकार उलझन में पड़ गई है। जबकि मामला कोर्ट में विचाराधीन था। अब सरकार को साबित करना है कि आरक्षण नियमावली की विधिवत अधिसूचना जारी की गई थी और इसमें कोई चूक नहीं हुई।
इस बीच, कोर्ट के आदेश के बाद हरकत में आए पंचायती राज विभाग ने सोमवार को ही नई आरक्षण नियमावली का गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित करते हुए, इसे मंगलवार को ही हाईकोर्ट के समक्ष पेश कर दिया। सरकार की तरफ से कहा गया कि आरक्षण संबंधी नियमावली 9 जून को बनाई गई थी और उसका गजट नोटिफिकेशन 14 जून को हो गया था। लेकिन “कम्युनिकेशन गैप” के चलते सुनवाई के वक्त गजट नोटिफिकेशन हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका था।
आज सुनवाई का इंतजार
हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव संबंधी सभी याचिकाओं की सुनवाई के लिए 25 जून दोहपर 2 बजे तक का समय निर्धारित किया है। इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होने की उम्मीद है। इस बीच, राज्य निर्वाचन आयोग को मंगलवार शाम को आनन-फानन में बुधवार से प्रस्तावित नामांकन प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी। फिलहाल पंचायत चुनावों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
नवंबर 2024 में समाप्त हो चुका कार्यकाल
उत्तराखंड में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 7950 है। जिसमें से 7499 के लिए चुनाव प्रस्तावित है। उत्तराखंड में पंचायतों का कार्यकाल नवंबर, 2024 में समाप्त हो चुका है। इस तरह करीब सात महीने के विलंब से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इस पर तत्काल ही ब्रेक लग गया है।